दीवाली आने वाली है मानसून काफूर हो गया रावण का भी दहन हो गया ठंडी–ठंडी …
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4 days ago
इधर भी गधे हैं‚ उधर भी गधे हैं – ओम प्रकाश आदित्य
Donkeys are every where, so says Om Prakish Aditya. Horses do not get even grass but donkeys are get…
6 days ago
नवंबर की दोपहर – धर्मवीर भारती
Here is a lovely poem of Dr. Dharamvir Bharati. Rajiv Krishna Saxena नवंबर की दोपहर अपने हलके–फुलके …
2 weeks ago
आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
There are times when lovers realize that their separation is inevitable and that they would never ev…
3 weeks ago
बात बात में – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
Here is a reflection on the path of life. We find friends and lose them. But we must carry on… There…
4 weeks ago
दीवाली आने वाली है – राजीव कृष्ण सक्सेना
दीवाली आने वाली है मानसून काफूर हो गया रावण का भी दहन हो गया ठंडी–ठंडी हवा चली है मतवाली अब गली–गली …
October 2, 2024
शक्ति और क्षमा – रामधारी सिंह दिनकर
Here is a great lesson in diplomacy and human relations from Ramdhari Singh Dinkar. Forgiveness of a…
September 22, 2024
जाने क्या हुआ – ओम प्रभाकर
Human interactions are most complex. Events some times take life of their own. People just drift awa…
September 18, 2024
त्यौहार का दिन आज ही होगा – बालकृष्ण राव
Go ahead and do it, if you feel a strong motivation arising some where deep inside you. Because R…
September 16, 2024
मेरा गाँव – किशोरी रमण टंडन
Here is another poem of nostalgia. Noatalgia about the village life where the author must have spent…
September 8, 2024
बिन दाढ़ी मुख सून – काका हाथरसी
Here is what Kaka Hathrasi thinks about the beard on men’s face. Kaka writes in his autobiography th…
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रे प्रवासी जाग – रामधारी सिंह दिनकर
There is always nostalgia about the country we left long ago. Even as we wade …
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बढ़े चलो, बढ़े चलो – सोहनलाल द्विवेदी
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रुके न तू – हरिवंश राय बच्चन
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आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
There are times when lovers realize that their separation is inevitable and that they would …
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बात बात में – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
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शक्ति और क्षमा – रामधारी सिंह दिनकर
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जाने क्या हुआ – ओम प्रभाकर
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तुमुल कोलाहल कलह में मैं हृदय की बात रे मन – जयशंकर प्रसाद
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इधर भी गधे हैं‚ उधर भी गधे हैं – ओम प्रकाश आदित्य
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विज्ञान विद्यार्थी का प्रेम गीत – धर्मेंद्र कुमार सिंह
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नाम बड़े हस्ताक्षर छोटे – काका हाथरसी
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मुझको सरकार बनाने दो – अल्हड़ बीकानेरी
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ध्यान: मेरे कुछ अनुभव – राजीव कृष्ण सक्सेना
I started dhyan (meditation) almost 38 years ago. In this short article, I have briefly …
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क्या होगा हिन्दी का – राजीव कृष्ण सक्सेना
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प्रार्थना की सफलता के गुर – राजीव कृष्ण सक्सेना
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माइग्रेन सिर दर्द का इलाज – राजीव कृष्ण सक्सेना
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यादें भईया (डॉ धर्मवीर भारती ) की – डॉ वीरबाला (बहन)
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आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
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तुमुल कोलाहल कलह में मैं हृदय की बात रे मन – जयशंकर प्रसाद
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आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
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ठंडा लोहा – धर्मवीर भारती
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मेरे सपने बहुत नहीं हैं – गिरिजा कुमार माथुर
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अंगड़ाई सी तुम – कुंवर बेचैन