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कविताओं की सम्पूर्ण तालिका
- गरिमा का मेमना – राजीव कृष्ण सक्सेना
- लाल बेबी हाथी – राजीव कृष्ण सक्सेना
- सर्प क्यों इतने चकित हो – प्रसुन जोशी
- भई भाषण दो – गोपाल प्रसाद व्यास
- हम कबीर के वंशज – कुमार विश्वास
- सयानी बिटिया – अशोक अंजुम
- बचपन ही अच्छा था
- पता ही नहीं – कृष्ण बिहारी नूर
- अब तुम रूठो – गोपाल दास नीरज
- वर्षा के मेघ कटे – गोपी कृष्ण गोपेश
- लोग हर मोड़ पे – राहत इंदौरी
- फूलवाली – राम कुमार वर्मा
- अक्ल कहती है – बाल स्वरूप राही
- हिमालय से भारत का नाता – गोपाल सिंह नेपाली
- मातृभाषा – अनामिका
- उठो धरा के अमर सपूतो – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- दादी वाला गाँव – इंदिरा गौड़
- चांद पर मानव – काका हाथरसी
- चाँद को देखो – आरसी प्रसाद सिंह
- माहिश्मती सामराज्यम्ः बाहुबली
- मचा तहलका – उमा कांत मालवीय
- शरद की हवा – गिरिधर गोपाल
- डर लगता है! – कुमार विश्वास
- मैं तो वही खिलौना लूँगा – सियारामशरण गुप्त
- काम हमारे बड़े–बड़े – चिरंजीत
- थकी दुपहरी – गिरिजा कुमार माथुर
- शुरू हुआ उजियाला होना – हरिवंश राय बच्चन
- जिंदगी बदल रही है – गुलज़ार
- काका हाथरसी के दोहे
- एन आर आई कविता
- निदा फाजली के दोहे 2
- वर्षा के मेघ कटे – गोपी कृष्ण गोपेश
- आ गए तुम? – महाश्वेता देवी
- नाम उसका राम होगा – श्याम नारायण पाण्डेय
- हाथ बटाओ – निदा फाजली
- आ गए तुम? – महाश्वेता देवी
- विश्व–सुंदरी – गोपाल सिंह नेपाली
- गया साल – राजीव कृष्ण सक्सेना
- संसार – महादेवी वर्मा
- पास हुए हम – रामवचन सिंह
- कितनी बड़ी विवशता – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- भारत गुण–गौरव – शमशेर बहादुर सिंह
- प्रसिद्धि प्रसंग – काका हाथरसी
- देवानंद और प्रेमनाथ – शैल चतुर्वेदी
- है तो है – दीप्ति मिश्र
- प्रिये – एक पौरोडी – बेढब बनारसी
- सूर्य–सा मत छोड़ जाना – निर्मला जोशी
- दीवाली आने वाली है – राजीव कृष्ण सक्सेना
- तब रोक न पाया मैं आँसू – हरिवंश राय बच्चन
- मेरा परिचय – अटल बिहारी वाजपेई
- मेरे नगपति! मेरे विशाल! – रामधारी सिंह दिनकर
- बाप का कंधा
- झुक नहीं सकते – अटलबिहारी वाजपेयी
- मीरा की कृष्ण भक्ति – मीरा बाई
- अमंगल आचरण – काका हाथरसी
- वर दे वीणावादिनि – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
- रोते रोते बहल गई कैसे – बेकल उत्साही
- साधो ये मुरदों का गाँव – संत कबीर
- नीड़ का निर्माण फिर फिर – हरिवंशराय बच्चन
- आँख – सूर्यकुमार पांडेय
- मैं ही हूं – राजीव कृष्ण सक्सेना
- यह दिल खोल तुम्हारा हँसना – गोपाल सिंह नेपाली
- पीने का बहाना – हुल्लड़ मुरादाबादी
- राम–भरत मिलन – महादेवी वर्मा
- वेदना – बेढब बनारसी
- हुल्लड़ और शादी – हुल्लड़ मुरादाबादी
- गड़बड़ झाला – देवेंन्द्र कुमार
- अपराधी कौन – रामधारी सिंह दिनकर
- काका और मच्छर – काका हाथरसी
- परिवर्तन – ठाकुर गोपालशरण सिंह
- तुम और मैंः दो आयाम – रामदरश मिश्र
- राष्ट्र की रपट – आचार्य भगवत दूबे
- पहली कोशिश – राज नारायण बिसारिया
- मधु की रात – चिरंजीत
- अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है? – हरिवंश राय बच्चन
- निष्क्रियता – राजीव कृष्ण सक्सेना
- मदारी का वादा – राजीव कृष्ण सक्सेना
- कुछ ऐसा खेल रचो साथी – गोपाल सिंह नेपाली
- दुनिया एक खिलौना – निदा फ़ाज़ली
- उत्तर न होगा वह – बालकृष्ण राव
- सुदामा चरित – नरोत्तम दास
- अकाल और उसके बाद – नागार्जुन
- जब मिलेगी रोशनी मुझसे मिलेगी – राम अवतार त्यागी
- हाथी दादा – रामानुज त्रिपाठी
- बिल्ली मौसी – सूर्य कुमार पांडेय
- पुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी
- कौन यहाँ आया था – दुष्यंत कुमार
- कर चले हम फ़िदा – कैफी आज़मी
- गाय (भारत–भारती से) – मैथिली शरण गुप्त
- एक तिनका – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- कुँआरी मुट्ठी – कन्हैया लाल सेठिया
- उग आया है चाँँद – नरेंद्र शर्मा
- तुम कितनी सुंदर लगती हो – धर्मवीर भारती
- रसगुल्ला
- नेताओं का चरित्र – माणिक वर्मा
- मंहगा पड़ा मायके जाना – राकेश खण्डेलवाल
- मंजिल दूर नहीं है – रामधारी सिंह दिनकर
- मनुष हौं तो वही रसखान
- मैं सबको आशीश कहूंगा – नरेंद्र दीपक
- मैं बल्ब और तू ट्यूब सखी – बाल कृष्ण गर्ग
- कुटी चली परदेस कमाने – शैलेंद्र सिंह
- खड़ा हिमालय बता रहा है – सोहनलाल द्विवेदी
- काला चश्मा – बरसाने लाल चतुर्वेदी
- हो गई है पीर पर्वत सी – दुष्यंत कुमार
- बुलाय गई राधा प्यारी – अल्हड़ बीकानेरी
- वह युग कब आएगा – बेधड़क बनारसी
- वह कौन है – हंस कुमार तिवारी
- तुम्हारे हाथ से टंक कर – कुंवर बेचैन
- टूटने का सुख – भवानी प्रसाद मिश्र
- ठंडा लोहा – धर्मवीर भारती
- सुख का दुख – भवानी प्रसाद मिश्र
- सतपुड़ा के घने जंगल – भवानी प्रसाद मिश्र
- सम्पाती – धर्मवीर भारती
- साकेत: भरत का पादुका मांगना – मैथिली शरण गुप्त
- साथी साँझ लगी अब होने – हरिवंश राय बच्चन
- फागुन के दिन की एक अनुभूति – धर्मवीर भारती
- पंथ होने दो अपरिचित प्राण रहने दो अकेला – महादेवी वर्मा
- नींद में सपना बन अज्ञात – महादेवी वर्मा
- मछली जल की रानी है
- क्योंकि सपना है अभी भी – धर्मवीर भारती
- कस्बे की शाम – धर्मवीर भारती
- कबीर के दोहे
- जो तुम आ जाते एक बार – महादेवी वर्मा
- स्त्री बनाम इस्तरी – जेमिनी हरियाणवी
- हमारा देश – अज्ञेय
- गीत फरोश – भवानी प्रसाद मिश्र
- दो अनुभूतियाँ – अटल बिहारी वाजपेयी
- दीदी के धूल भरे पाँव – धर्मवीर भारती
- चिट्ठी आई है – आनंद बक्षी
- चंदन बन डूब गया – किशन सरोज
- चंद अशआर गुनगुनाते हैं – अरुणिमा
- चांद का कुर्ता – रामधारी सिंह दिनकर
- बुनी हुई रस्सी – भवानी प्रसाद मिश्र
- किसान (भारत–भारती से) – मैथिली शरण गुप्त
- यह अरुण चूड़ का तरुण राग – हरिवंश राय बच्चन
- उदास सांझ – मैत्रेयी अनुरूपा
- तुम्हारे पाँव मेरी गोद में – धर्मवीर भारती
- तुम असीम – घनश्याम चन्द्र गुप्त
- सखी वे मुझ से कह कर जाते – मैथिली शरण गुप्त
- साकेत: राम का उत्तर – मैथिली शरण गुप्त
- साकेत: कैकेयी का पश्चाताप – मैथिली शरण गुप्त
- साकेत: अष्टम सर्ग – मैथिली शरण गुप्त
- साथी अंत दिवस का आया – हरिवंश राय बच्चन
- सारे जहां से अच्छा – मुहम्मद इक़बाल
- रेखा चित्र – प्रभाकर माचवे
- रेलगाड़ी रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक – हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय
- रात रात भर श्वान भूकते – हरिवंश राय बच्चन
- प्रबल झंझावात साथी – हरिवंश राय बच्चन
- फूल, मोमबत्तियां, सपने – धर्मवीर भारती
- नाश देवता – गजानन माधव मुक्तिबोध
- मुरझाया फूल – महादेवी वर्मा
- माता की मृत्यु पर – प्रभाकर माचवे
- मधुर मधुर मेरे दीपक जल – महादेवी वर्मा
- लो वही हुआ – दिनेश सिंह
- कोई पार नदी के गाता – हरिवंश राय बच्चन
- खग उड़ते रहना जीवन भर – गोपाल दस नीरज
- कारवां गुजर गया – गोपाल दास नीरज
- कल और आज – नागार्जुन
- ज्योति कलश छलके – नरेंद्र शर्मा
- झाँसी की रानी – सुभद्रा कुमारी चौहान
- इतिहास (कनुप्रिया) – धर्मवीर भारती
- इस पार – उस पार – हरिवंश राय बच्चन
- इधर भी गधे हैं‚ उधर भी गधे हैं – ओम प्रकाश आदित्य
- हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के – कवि प्रदीप
- हे सांझ मइया – शलभ श्रीराम सिंह
- है यह पतझड़ की शाम, सखे – हरिवंश राय बच्चन
- गाँव के कुत्ते – सूंड फैजाबादी
- गंगा की विदाई – माखनलाल चतुर्वेदी
- दुपहरिया – केदार नाथ सिंह
- दो नयन मेरी प्रतीक्षा में खड़े हैं – हरिवंश राय बच्चन
- दीप मेरे जल अकम्पित (दीपशिखा) – महादेवी वर्मा
- छिप छिप अश्रु बहाने वालों – गोपाल दास नीरज
- छाया मत छूना – गिरिजा कुमार माथुर
- चलो हम दोनों चलें वहां – नरेंद्र शर्मा
- अंधा युग (शाप पाने से प्रभु मृत्यु तक) – धर्मवीर भारती
- अंधा युग (गांधारी का शाप और प्रभु श्री कृष्ण का शाप को स्वीकारना) – धर्मवीर
भारती - यह कदम्ब का पेड़ – सुभद्रा कुमारी चौहान
- यह भी दिन बीत गया – रामदरश मिश्र
- विजयी के सदृश जियो रे – रामधारी सिंह दिनकर
- वीरों का कैसा हो वसंत – सुभद्रा कुमारी चौहान
- उतना तुम पर विश्वास बढ़ा – रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’
- तुम्हें नमन – सोहनलाल द्विवेदी
- श्वेत कबूतर – वीरबाला भावसार
- स्नेह निर्झर बह गया है – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- शक्ति और क्षमा – रामधारी सिंह दिनकर
- सपन न लौटे – उदय भान मिश्र
- समाधान – राजीव कृष्ण सक्सेना
- सागर के उर पर नाच नाच – ठाकुर गोपाल शरण सिंह
- रश्मिरथी (Karna replies to Krishna: From III
chapter) - रश्मिरथी (Krishna meets Duryodhana : From
III Chapter) - रात और शहनाई – रमानाथ अवस्थी
- पथ भूल न जाना – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- नारी – सुमित्रानंदन पंत
- उर्वशी (नर प्रेम – नारी प्रेम) – रामधारी सिंह दिनकर
- नन्हा पौधा – वेंकटेश चन्द्र पाण्डेय
- नदी के पार से मुझको बुलाओ मत – राजनारायण बिसारिया
- नाव चलती रही – वीरबाला भावसार
- मेघ आये बड़े बन ठन के, सँवर के – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- मन पाखी टेरा रे – वीरबाला भावसार
- मन ऐसा अकुलाया – वीरबाला भावसार
- मैं नहीं आया तुम्हारे द्वार – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मैं हूँ अपराधी किस प्रकार – ठाकुर गोपाल शरण सिंह
- मधुशाला – हरिवंश राय बच्चन
- लजीली रात आई है – चिरंजीत
- क्या इनका कोई अर्थ नही – धर्मवीर भारती
- कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ – काका हाथरसी
- कानाफूसी – राम विलास शर्मा
- इस घर का यह सूना आंगन – विजय देव नारायण साही
- हम पंछी उन्मुक्त गगन के – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती – हरिवंश राय बच्चन
- हल्दीघाटी: झाला का बलिदान – श्याम नारायण पाण्डेय
- है मन का तीर्थ बहुत गहरा – वीरबाला भावसार
- गर्मी और आम – राजीव कृष्ण सक्सेना
- एक पूरा दिन – राजीव कृष्ण सक्सेना
- धूप ने बुलाया – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- धन्यवाद – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- चले नहीं जाना बालम – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- देश की धरती, तुझे कुछ और भी दूँ – राम अवतार त्यागी
- अवगुंठित – सुमित्रानंदन पंत
- याचना – रघुवीर सहाय
- तुझे कैसे भूल जाऊं – दुष्यंत कुमार
- सूने घर में – सत्यनारायण
- सोने के हिरन – कन्हैया लाल वाजपेयी
- साकेत: दशरथ का श्राद्ध, राम भारत संवाद – मैथिली शरण गुप्त
- सबसे अधिक तुम्हीं रोओगे – राम अवतार त्यागी
- पीथल और पाथल – कन्हैयालाल सेठिया
- पीहर का बिरवा – अमरनाथ श्रीवास्तव
- फूल और कांटे – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- पहली बातें – भवानी प्रसाद मिश्र
- निर्वाण षटकम् – आदि शंकराचार्य
- नर हो, न निराश करो मन को – मैथिली शरण गुप्त
- नदी सा बहता हुआ दिन – सत्यनारायण
- मेरा नया बचपन – सुभद्रा कुमारी चौहान
- नाम बड़े दर्शन छोटे – काका हाथरसी
- मातृभूमि – मैथिली शरण गुप्त
- मांझी न बजाओ बंशी – केदार नाथ अग्रवाल
- क्या कहा? – जेमिनी हरियाणवी
- खूनी हस्ताक्षर – गोपाल प्रसाद व्यास
- कौन यह तूफ़ान रोके – हरिवंश राय बच्चन
- कौन थकान हरे जीवन की – गिरिजा कुमार माथुर
- कौन गाता जा रहा है – विद्यावती कोकिल
- कामायनी – जयशंकर प्रसाद
- जिस तट पर – बुद्धिसेन शर्मा
- कब बरसेगा पानी – बेकल उत्साही
- निदा फाज़ली के दो गीत
- झर गये पात – बालकवि बैरागी
- हिमाद्रि तुंग शृंग से – जयशंकर प्रसाद
- गोरी बैठी छत पर – ओम प्रकाश आदित्य
- गीत का पहला चरण हूं – इंदिरा गौड़
- एक आशीर्वाद – दुष्यंत कुमार
- धूप सा तन दीप सी मैं – महादेवी वर्मा
- देह के मस्तूल – चंद्रसेन विराट
- दफ्तर का बाबू – सुरेश उपाध्याय
- बोआई का गीत – धर्मवीर भारती
- याद आती रही – प्रभा ठाकुर
- विप्लव गान – बालकृष्ण शर्मा ‘नविन’
- उठो लाल अब आँखें खोलो – सोहनलाल द्विवेदी
- उम्र बढ़ने पर – महेश चंद्र गुप्त ‘खलिश’
- तुम्हारी हंसी – कुसुम सिन्हा
- तुम कभी थे सूर्य – चंद्रसेन विराट
- तुम जानो या मैं जानूँ – शंभुनाथ सिंह
- ठुकरा दो या प्यार करो – सुभद्रा कुमारी चौहान
- ठहर जाओ – रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’
- तेली कौ ब्याह – काका हाथरसी
- तन हुए शहर के – सोम ठाकुर
- सूरज डूब चुका है – अजित कुमार
- साधारण जन – राजीव कृष्ण सक्सेना
- सच हम नहीं सच तुम नहीं – जगदीश गुप्त
- रे प्रवासी जाग – रामधारी सिंह दिनकर
- प्राण तुम्हारी पदरज फूली – सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
- प्रभाती – रघुवीर सहाय
- पिता सरीखे गांव – राजेंद्र गौतम
- फूटा प्रभात – भारत भूषण अग्रवाल
- पतंगों का मौसम – शिव मृदुल
- मिट्टी की महिमा – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- मेरा खरापन शेष है – सूर्यकुमार पांडेय
- मत कहो आकाश में कोहरा घना है – दुष्यंत कुमार
- तुमुल कोलाहल कलह में मैं हृदय की बात रे मन – जयशंकर प्रसाद
- माँ कह एक कहानी – मैथिली शरण गुप्त
- क्या वह नहीं होगा – कुंवर नारायण
- कुछ मैं कहूं कुछ तुम कहो – रमानाथ अवस्थी
- करो हमको न शर्मिंदा – कुंवर बेचैन
- कहां रहेगी चिड़िया – महादेवी वर्मा
- जीवन के रेतीले तट पर – अजित शुकदेव
- जब जब सिर उठाया – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- जाग तुझको दूर जाना – महादेवी वर्मा
- इस मोड़ से जाते हैं – गुलज़ार
- गीली शाम – चन्द्रदेव सिंह
- दिवा स्वप्न – राम विलास शर्मा
- धुंधली नदी में – धर्मवीर भारती
- देश मेरे – राजीव कृष्ण सक्सेना
- वाजे बंद मिले – नरेंद्र चंचल
- चल मियाँ – जेमिनी हरियाणवी
- ब्याह की शाम – अजित कुमार
- क्या करूँ अब क्या करूँ – राजीव कृष्ण सक्सेना
- सिंधु में ज्वार – अटल बिहारी वाजपेयी
- एक चाय की चुस्की – उमाकांत मालवीय
- यह लघु सरिता का बहता जल – गोपाल सिंह नेपाली
- यात्रा और यात्री – हरिवंश राय बच्चन
- उँगलियाँ थाम के खुद – कुंवर बेचैन
- सूर्य ढलता ही नहीं है – रामदरश मिश्र
- सोच सुखी मेरी छाती है – हरिवंश राय बच्चन
- पुत्र वधू से – प्रतिभा सक्सेना
- पुण्य फलिभूत हुआ – अमरनाथ श्रीवास्तव
- प्रार्थना की एक अनदेखी कड़ी – धर्मवीर भारती
- मन को वश में करो, फिर चाहे जो करो – रमानाथ अवस्थी
- पीर मेरी – वीरेंद्र मिश्र
- पी जा हर अपमान – बालस्वरूप राही
- पथ-हीन – भारत भूषण अग्रवाल
- परशुराम की प्रतीक्षा – रामधारी सिंह दिनकर
- पन्ना दाई – सत्य नारायण गोयंका
- पक्षी और बादल – रामधारी सिंह दिनकर
- नींद की पुकार – वीरबाला भावसार
- मेरी थकन उतर जाती है – राम अवतार त्यागी
- मीलों तक – कुंवर बेचैन
- मास्टर की छोरी – प्रतिभा सक्सेना
- क्योंकि अब हमें पता है – मनु कश्यप
- क्यों प्रभु क्यों? – राजीव कृष्ण सक्सेना
- कौन जाने – बालकृष्ण राव
- कर्मवीर – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- कहीं तुम पंथ पर पलकें बिछाए तो नहीं बैठीं – बालस्वरूप राही
- कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये – दुष्यंत कुमार
- जो बीत गई सो बात गई – हरिवंश राय बच्चन
- जीवन क्रम – बालस्वरूप राही
- जाहिल मेरे बाने – भवानी प्रसाद मिश्र
- जाने क्या हुआ – ओम प्रभाकर
- इतने ऊँचे उठो – द्वारिका प्रसाद महेश्वरी
- इंतजार – राजीव सक्सेना
- इब्नबतूता बगल में जूता – गुलजार
- हम सब सुमन एक उपवन के – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- हरी मिर्च – सत्यनारायण शर्मा ‘कमल’
- हल्दीघाटी: युद्ध – श्याम नारायण पाण्डेय
- घर की याद – भवानी प्रसाद मिश्र
- एक गीत और कहो – पूर्णिमा वर्मन
- एक बूंद – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- दूर का सितारा – निदा फ़ाज़ली
- धूप की चादर – दुष्यंत कुमार
- चूड़ी का टुकड़ा – गिरिजा कुमार माथुर
- चिट्ठी है किसी दुखी मन की – कुंवर बेचैन
- यहाँ भी, वहाँ भी – निदा फ़ाज़ली
- विवशता – राजीव कृष्ण सक्सेना
- विज्ञान विद्यार्थी का प्रेम गीत – धर्मेंद्र कुमार सिंह
- व्यक्तित्व का मध्यांतर – गिरिजा कुमार माथुर
- तुम निश्चिन्त रहना – किशन सरोज
- तूफानों की ओर घुमा दो नाविक – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
- स्त्रीलिंग पुल्लिंग – काका हाथरसी
- समोसे – घनश्याम चन्द्र गुप्त
- साक्षात्कार – श्रीप्रकाश शुक्ल
- साबुत आईने – धर्मवीर भारती
- रहीम के दोहे
- राही के मुक्तक – बालस्वरूप राही
- नवम्बर की दोपहर – धर्मवीर भारती
- मुझे अकेला ही रहने दो – ठाकुर गोपाल शरण सिंह
- मज़ा ही कुछ और है – ओम व्यास ओम
- प्रेम–पगी कविता – आशुतोष द्विवेदी
- प्रेमिका का उत्तर कवि को – बालस्वरूप राही
- प्रथम प्रणय – धर्मवीर भारती
- फूले फूल बबूल – नरेश सक्सेना
- फूल और मिट्टी – वीरबाला भावसार
- नींद भी न आई (तुक्तक) – भारत भूषण अग्रवाल
- मैं सबसे छोटी होऊं – सुमित्रानंदन पंत
- माँ और पिता – ओम व्यास ओम
- लौट आओ – सोम ठाकुर
- कुम्हलाये हैं फूल – ठाकुर गोपाल शरण सिंह
- कोई और छाँव देखेंगे – ताराप्रकाश जोशी
- कवि का पत्र प्रेमिका को – बालस्वरूप राही
- कल्पना और जिंदगी – वीरेंद्र मिश्र
- कछुआ जल का राजा है – राजीव कृष्ण सक्सेना
- कब मना है – हरिवंश राय बच्चन
- जिंदगानी मना ही लेती है – बालस्वरूप राही
- जानते हो – राज कुमार
- इतिहास की परीक्षा – ओम प्रकाश आदित्य
- इस तरह तो – बालस्वरूप राही
- इक पल – राजीव कृष्ण सक्सेना
- हल्दीघाटी: युद्ध के लिये प्रयाण – श्याम नारायण पाण्डेय
- घर : दो कविताएं
- घर वापसी – राजनारायण बिसारिया
- गरीबों की जवानी – देवी प्रसाद शुक्ल ‘राही’
- एक भी आँसू न कर बेकार – राम अवतार त्यागी
- एक बरस बीत गया – अटल बिहारी वाजपेयी
- ढूंढते रह जाओगे – अरुण जैमिनी
- धर्म है – गोपाल दास नीरज
- देखो, टूट रहा है तारा – हरिवंश राय बच्चन
- चिड़िया और चुरुगन – हरिवंश राय बच्चन
- छोटे शहर की यादें – शार्दुला नोगजा
- यूं ही होता है – जावेद अख्तर
- यह बात किसी से मत कहना – देवराज दिनेश
- सूर्य की अब किसी को जरूरत नहीं – कुमार शिव
- सद्य स्नाता – प्रतिभा सक्सेना
- साधारण का आनंद – भवानी प्रसाद मिश्र
- रंजिश ही सही – अहमद फ़राज़
- फूल और कली – उदय प्रताप सिंह
- फिर क्या होगा – बालकृष्ण राव
- परदेसी को पत्र – त्रिलोचन
- परम्परा – रामधारी सिंह दिनकर
- पंचवटी – मैथिली शरण गुप्त
- पानी और धुप – सुभद्रा कुमारी चौहान
- मुनादी – धर्मवीर भारती
- मुझको सरकार बनाने दो – अल्हड़ बीकानेरी
- मेरे राम जी – अल्हड़ बीकानेरी
- मेरा गाँव – किशोरी रमण टंडन
- मीरा के दो भजन
- मैं और मेरा पिट्ठू – भारत भूषण अग्रवाल
- खून फिर खून है – साहिर लुधियानवी
- कहने को घर अब भी है – वीरेंद्र मिश्र
- काँधे धरी यह पालकी – कुंवर नारायण
- कमरे में धूप – कुंवर नारायण
- कलाकार और सिपाही – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- कभी कभी – साहिर लुधियानवी
- झंडा ऊँचा रहे हमारा – श्यामलाल पार्षद
- जीवन कट गया – गोपाल दास नीरज
- जनतंत्र का जन्म – रामधारी सिंह दिनकर
- जल – किशन सरोज
- हो चुका खेल – राजकुमार
- गाँव की तरफ – उदय प्रताप सिंह
- गाँव जाना चाहता हूँ – राम अवतार त्यागी
- एक सीढ़ी और – कुंवर बेचैन
- दाने – केदार नाथ सिंह
- बोलो माँ – अंजना भट्ट
- बिन दाढ़ी मुख सून – काका हाथरसी
- तुम्हारे पत्र – अनिल वर्मा
- पंद्रह अगस्त: 1947 – गिरिजा कुमार माथुर
- पड़ोस – ऋतुराज
- जिंदगी – बुद्धिनाथ मिश्रा
- ज़िन्दगी की शाम – राजीव कृष्ण सक्सेना
- वो सुबह कभी तो आएगी – साहिर लुधियानवी
- विदा की घड़ी है – राजनारायण बिसरिया
- वही बोलें – संतोष यादव ‘अर्श’
- तुम्हारा साथ – रामदरश मिश्र
- टूटा पहिया – धर्मवीर भारती
- तीर पर कैसे रुकूँ मैं – हरिवंश राय बच्चन
- टल नही सकता – कुंवर बेचैन
- स्मृति बच्चों की – वीरेंद्र मिश्र
- निदा फ़ाज़ली के दोहे
- मानवता और धर्मयुद्ध (रश्मिरथी) – रामधारी सिंह दिनकर
- पुराने पत्र – रामकुमार चतुर्वेदी ‘चंचल’
- शिकायत – राम अवतार त्यागी
- सन्नाटा – भवानी प्रसाद मिश्र
- सपनों का अंत नहीं होता – शिव बहादुर सिंह भदौरिया
- रूप के बादल – गोपी कृष्ण गोपेश
- रेशमी नगर – रामधारी सिंह दिनकर
- राख – कैफ़ी आज़मी
- पुरुस्कार – शकुंतला कालरा
- पुरबा जो डोल गई – शिवबहादुर सिंह भदौरिया
- परमगुरु – अनामिका
- न्यूयार्क की एक शाम – गिरिजा कुमार माथुर
- नीम के फूल – कुंवर नारायण
- नया तरीक़ा – नागार्जुन
- नाव चली नानी की नाव चली – हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय
- नखरे सलाई के – दिनेश प्रभात
- मुस्कुराने के लिए – हुल्लड़ मुरादाबादी
- मेरा उसका परिचय इतना – अंसार कंबरी
- मौन निमंत्रण – सुमित्रानंदन पंत
- भागे लेकर बल्ला – रामानुज त्रिपाठी
- सूने दालान – सोम ठाकुर
- मैं फिर अकेला रह गया – दिनेश सिंह
- माँ की याद – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- क्या करूँ संवेदना ले कर तुम्हारी – हरिवंश राय बच्चन
- ख़य्याम की मधुशाला (भाग एक) – हरिवंश राय बच्चन
- कच्ची सड़क – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- कब बरसेगा पानी – बेकल उत्साही
- कांच का खिलौना – आत्म प्रकाश शुक्ल
- जीवन की ही जय है – मैथिली शरण गुप्त
- इंकार कर दिया – राम अवतार त्यागी
- हम तुम – रामदरश मिश्र
- हम न रहेंगे – केदार नाथ अग्रवाल
- हुल्लड़ के दोहे – हुल्लड़ मुरादाबादी
- हर घट से – गोपाल दास नीरज
- गिरिधर की कुंडलियाँ – गिरिधर कविराय
- घर की बात – प्रेम तिवारी
- दिवंगत मां के नाम पत्र – अशोक वाजपेयी
- चलती रहीं तुम – बुद्धिनाथ मिश्र
- भूले हुओं का गीत – गिरिजा कुमार माथुर
- अब घर लौट आओ – महेश्वर तिवारी
- यह बच्चा कैसा बच्चा है – इब्ने इंशा
- याद आये – किशन सरोज
- विजय भेरी – मैथिली शरण गुप्त
- वीर सिपाही – श्याम नारायण पाण्डेय
- वतन पे जो फ़िदा होगा – आनंद बक्षी
- वन्दे मातरम् – बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
- उस पगली लड़की के बिन – कुमार विश्वास
- तुमको रुप का अभिमान – रामकुमार चतुर्वेदी ‘चंचल’
- तुम्हारी उम्र वासंती – दिनेश प्रभात
- ठंडी हवा – दुष्यंत कुमार
- तेरे बिन – रमेश गौड़
- तेरा राम नहीं – निदा फ़ाज़ली
- तन बचाने चले थे – राम अवतार त्यागी
- सुबह – श्री प्रसाद
- सृष्टि – सुमित्रानंदन पंत
- सूना घर – दुष्यंत कुमार
- शीशे का घर – श्रीकृष्ण तिवारी
- साँप – धनंजय सिंह
- रुके न तू – हरिवंश राय बच्चन
- रोज़ ज़हर पीना है – श्रीकृष्ण तिवारी
- रहने को घर नहीं है – हुल्लड़ मुरादाबादी
- रम्भा – रामधारी सिंह दिनकर
- राह कौन सी जाऊं मैं – अटल बिहारी वाजपेयी
- पूर्व चलने के बटोही – हरिवंश राय बच्चन
- परखना मत – बशीर बद्र
- पगडंडी – प्रयाग शुक्ल
- नानक दुखिया सब संसार – जेमिनी हरियाणवी
- नाम बड़े हस्ताक्षर छोटे – काका हाथरसी
- न मिलता गम – शकील बदायुनी
- मेरे सपने बहुत नहीं हैं – गिरिजा कुमार माथुर
- मेहंदी लगाया करो – विष्णु सक्सेना
- मन रे तू काहे न धीर धरे – साहिर लुधियानवी
- माँ से दूर – राहुल उपाध्याय
- लोकतंत्र – राजेंद्र तिवारी
- क्या करेगी चांदनी – हुल्लड़ मुरादाबादी
- कितने दिन चले – किशन सरोज
- कृष्ण मुक्ति – राजीव कृष्ण सक्सेना
- खिलौने ले लो बाबूजी – राजीव कृष्ण सक्सेना
- खेल – निदा फ़ाज़ली
- कौन सिखाता है चिड़ियों को – सोहनलाल द्विवेदी
- काका के उपदेश – काका हाथरसी
- कदम मिला कर चलना होगा – अटल बिहारी वाजपेयी
- मैं जीवन में कुछ न कर सका – हरिवंश राय बच्चन
- जीवन का दाँव – राजेंद्र त्रिपाठी
- जीवन दर्शन – काका हाथरसी
- जसोदा हरि पालने झुलावे – सूरदास
- जरूरत क्या थी? – हुल्लड़ मुरादाबादी
- जनम दिन – गोपाल दास नीरज
- जैसे तुम सोच रहे साथी – विनोद श्रीवास्तव
- जयद्रथ वध – मैथिली शरण गुप्त
- जहाँ मैं हूँ – बुद्धिसेन शर्मा
- जब तुम आओगी – मदन कश्यप
- जब नींद नहीं आती होगी – रामेश्वर शुक्ल अंचल
- हमराही – राजीव कृष्ण सक्सेना
- हम तो मस्त फ़क़ीर – गोपाल दास नीरज
- हम को मन की शक्ति देना – गुलज़ार
- हम जीवन के महा काव्य – देवेंद्र शर्मा ‘इंद्र’
- हम होंगे कामयाब – गिरिजा कुमार माथुर
- हवाएँ ना जाने – परमानन्द श्रीवास्तव
- हंगामा – कुमार विश्वास
- हमारा अतीत (भारत–भारती से) – मैथिली शरण गुप्त
- गाँव जा कर क्या करेंगे – रामकुमार चतुर्वेदी ‘चंचल’
- लो दिन बीता – हरिवंश राय बच्चन
- गाली अगर न मिलती – राम अवतार त्यागी
- फागुन की शाम – धर्मवीर भारती
- एक कण दे दो न मुझको – अंचल
- बूँद टपकी एक नभ से – भवानी प्रसाद मिश्र
- चल उठ नेता – अशोक अंजुम
- दो दिन ठहर जाओ – रामकुमार चतुर्वेदी ‘चंचल’
- अभी तो झूम रही है रात – गिरिजा कुमार माथुर
- वो आदमी नहीं है – दुष्यंत कुमार
- तुम – कुंवर बेचैन
- उठो स्वदेश के लिये – क्षेमचंद सुमन
- तू बावन बरस की – जेमिनी हरियाणवी
- सुप्रभात – प्रभाकर शुक्ल
- पुनः स्मरण – दुष्यंत कुमार
- राही के शेर – बालस्वरूप राही
- रिम झिम बरस रहा है पानी – राजीव कृष्ण सक्सेना
- क्षुद्र की महिमा – श्यामनंदन किशोर
- फिर एक बार – महादेवी वर्मा
- प्रताप की प्रतिज्ञा – श्याम नारायण पांडेय
- पलायन संगीत – राजीव कृष्ण सक्सेना
- बाकी रहा – राजगोपाल सिंह
- कोयल – सुभद्रा कुमारी चौहान
- क्या तुम न आओगे – टी एन राज
- अम्बर की एक पाक सुराही – अमृता प्रीतम
- कभी नहीं – ओम व्यास ओम
- सूरज भाई – इंदिरा गौड़
- आने वाला नन्हा मेहमान
- अध्यापक की शादी – जैमिनि हरियाणवी
- आँगन – धर्मवीर भारती
- बड़ी बात है – राजा चौरसिया
- दीवाली आने वाली है – राजीव कृष्ण सक्सेना
- साल आया है नया – हुल्लड़ मुरादाबादी
- काका की अमरीका यात्रा – काका हाथरसी
- नए साल की शुभकामनाएं – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- दीदी का भालू – राजीव कृष्ण सक्सेना
- भारतमाता ग्रामवासिनी – सुमित्रानंदन पंत
- भिन्न – अनामिका
- भोर हुई – रूप नारायण त्रिपाठी
- बातचीत की कला – राजीव कृष्ण सक्सेना
- बे-जगह – अनामिका
- बीत गया इतवार – माहेश्वर तिवारी
- बीते दिन वर्ष – विद्यासागर वर्मा
- भेड़ियों के ढंग – उदयभानु हंस
- भैंसागाड़ी – भगवती चरण वर्मा
- भंगुर पात्रता – भवानी प्रसाद मिश्र
- भर दिया जाम – बालस्वरूप राही
- भारतीय समाज – भवानी प्रसाद मिश्र
- भये प्रगट कृपाला – गोस्वामी तुलसीदास
- भीग रहा है गांव – अखिलेश कुमार सिंह
- बस इतना सा समाचार है – अमिताभ त्रिपाठी
- बरसाने लाल चतुर्वेदी के तुक्तक
- बसंती हवा – केदार नाथ अग्रवाल
- बादलों की रात – रामकुमार चतुर्वेदी चंचल
- बाढ़ की संभावनाएं – दुष्यंत कुमार
- बढ़े चलो, बढ़े चलो – सोहन लाल द्विवेदी
- बंदर आया – अयोध्या सिंह हरिऔध
- बांसुरी दिन की – माहेश्वर तिवारी
- बरसों के बाद – गिरिजा कुमार माथुर
- अँधेरी रात में दीपक जलाये कौन बैठा है – हरिवंश राय बच्चन
- अनुभव परिपक्व – अज्ञेय
- अपना घर है सबसे प्यारा
- अपनापन – बुद्धिसेन शर्मा
- अपने ही मन से कुछ बोले – अटल बिहारी वाजपेयी
- अपनी इज्जत न दाँव पर रखिये – राजीव कृष्ण सक्सेना
- अरसे के बाद – राजीव कृष्ण सक्सेना
- अरुण यह मधुमय देश हमारा – जय शंकर प्रसाद
- आर्य (भारत–भारती से) – मैथिली शरण गुप्त (राष्ट्र कवि)
- असमर्थता – राजेंद्र पासवान ‘घायल’
- आशा कम विश्वास बहुत है – बलबीर सिंह ‘रंग’
- अटल जी: दो कविताएं – अटल बिहारी वाजपेयी *** Classic View / Intro tab added
- और भी दूँ – राम अवतार त्यागी
- और काम सोचना – नीलम सिंह
- बागन काहे को जाओ पिया – रसखान
- बाँधो न नाव इस ठाँव, बन्धु – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- बाज़ लोग – अनामिका
- बात कम कीजे – निदा फाज़ली
- बात बात में – शिवमंगल सिंह सुमन
- बातें – धर्मवीर भारती
- अभी न सीखो प्यार – धर्मवीर भारती
- अच्छा अनुभव – भवानी प्रसाद मिश्र
- अच्छा नहीं लगता – संतोष अर्श
- अच्छा लगा – रामदरश मिश्र
- अच्छा तो हम चलते हैं – आनंद बक्षी
- अधिकार – महादेवी वर्मा
- अधूरी याद – राकेश खण्डेलवाल
- अगर डोला कभी – धर्मवीर भारती
- अगर कहीं मैं घोड़ा होता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- अगर पेड़ भी चलते होते – दिविक रमेश
- अग्निपथ – हरिवंश राय बच्चन
- आज्ञा – राजीव कृष्ण सक्सेना
- अज्ञात साथी के नाम – गोपाल दास नीरज
- अहिंसा – भारत भूषण अग्रवाल
- ऐसा नियम न बाँधो – आनंद शर्मा
- आल्हाखंड: संयोगिता का अपहरण
- आनंद बक्षी: दो गीत
- अंतर – कुंवर बेचैन
- अंतिम मिलन – बाल कृष्ण राव
- अंतहीन यात्री – धर्मवीर भारती
- ऐ मेरे वतन के लोगों – प्रदीप
- आ रही रवि की सवारी – हरिवंश राय बच्चन
- आदमी का आकाश – राम अवतार त्यागी
- रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद – रामधारी सिंह दिनकर
- आगे गहन अंधेरा है – नेमीचन्द्र जैन
- आज ही होगा – बालकृष्ण राव
- आज का दिन – रविन्द्र भ्रमर
- आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – पंडित नरेंद्र शर्मा
- आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है – कैफी आज़मी
- आज मानव का सुनहला प्रात है – भगवती चरण वर्मा
- आज मुझसे दूर दुनियाँ – हरिवंश राय बच्चन
- आँचल बुनते रह जाओगे – राम अवतार त्यागी
- आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ – प्रदीप
- आओ कुछ राहत दें – दिनेश मिश्र
- आओ मन की गांठें खोलें – अटल बिहारी वाजपेयी
- आराम करो – गोपाल प्रसाद व्यास
- आरम्भ है प्रचंड – पीयूष मिश्रा
- आठवाँ आने को है – अल्हड़ बीकानेरी
- आया वसंत – सोहन लाल द्विवेदी
- अब तो पथ यही है – दुष्यंत कुमार
- आप मिले तो – दिनेश प्रभात
- कुछ न हम रहे – श्रीकृष्ण तिवारी
- कौन तुम मेरे हृदय में? – महादेवी वर्मा
- गाल पे काटा – ज़िया उल हक़ कासिमी
- जैसी माँ – निदा फाज़ली
- नई सहर आएगी – निदा फाज़ली
- प्यार का नाता हमारा – विनोद तिवारी
- बाल कविता–सीखा हमने – परशुराम शुक्ल
- बैरागी भैरव – बुद्धिनाथ मिश्र
- भारत महिमा – जयशंकर प्रसाद
- वालिद की मौत पर – निदा फाज़ली
- विज्ञान और मानव मन (कुरुक्षेत्र से) – रामधारी सिंह दिनकर
- विद्रोह – प्रसिद्ध नारायण सिंह
- विश्व सारा सो रहा है – हरिवंश राय बच्चन
- वे और तुम – जेमिनी हरियाणवी
- सिरमौर (भारत–भारती से) – मैथिली शरण गुप्त (राष्ट्र कवि)
- होली आयी रे – शकील बदायूंनी
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Pingback: करो हमको न शर्मिंदा – कुंवर बेचैन – Geeta-Kavita
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