Flute ! Aaja Re Pardesi ! दिल को छूने वाली बांसुरी धुन “आजा रे परदेसी” ! By Prof Rajiv K. Saxena!
आ जा रे, परदेसी, मैं तो कब से खड़ी इस पार
- चित्रपट / Film: मधुमती-(Madhumati)
- संगीतकार / Music Director: सलील चौधरी-(Salil Choudhary)
- गीतकार / Lyricist: शैलेन्द्र-(Shailendra)
- गायक / Singer(s): लता मंगेशकर-(Lata Mangeshkar)
- राग / Raag: Bageshri
आ जा रे ऽऽऽ परदेसी
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ, थक गई पंथ निहार
आ जा रे, परदेसी
(तुम संग जनम जनम के फेरे
भूल गये क्यूँ साजन मेरे) – २
तड़पत हूँ मैं सांझ सवेरे, ओ …
आ जा रे, मैं तो कब से खड़ी इस पार …
(मैं नदिया फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा बात ज़रा सी) – २
बिन तेरे हर रात उदासी, ओ …
आ जा रे, मैं तो कब से खड़ी इस पार …
मैं दिये की ऐसी बाती
जल न सकी जो बुझ भी न पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी, ओ …
आ जा रे, मैं तो कब से खड़ी इस पार …
लिंक्स:
- कविताएं: सम्पूर्ण तालिका
- लेख: सम्पूर्ण तालिका
- गीता-कविता: हमारे बारे में
- गीता काव्य माधुरी
- बाल गीता
- प्रोफेसर राजीव सक्सेना