नए साल की शुभकामनाएं - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

नए साल की शुभकामनाएं – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Our best wishes to all readers for the New Year. May you have a successful, creative and peaceful year. Here is a nice poem by Sarveshwar Dayal Saxena that you can forward to your friends, while wishing them a Happy New Year – Rajiv Krishna Saxena

नए साल की शुभकामनाएं

खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पांव को
कुहरे में लिपटे उस छोटे से गांव को
नए साल की शुभकामनाएं।

जांते के गीतों को बैलों की चाल को
करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को
नए साल की शुभकामनाएं।

इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को
चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को
नए साल की शुभकामनाएं।

वीराने जंगल को तारों को रात को
ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को
नए साल की शुभकामनाएं।

इस चलती आंधी में हर बिखरे बाल को
सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को
नए साल की शुभकामनाएं।

कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को
हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को
नए साल की शुभकामनाएं।

उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे
उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे
नए साल की शुभकामनाएं।

∼ सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

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