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कालाधन – सर्जिकल स्ट्राइक – राजीव कृष्ण सक्सेना

कालाधन – सर्जिकल स्ट्राइक

कालाधन – सर्जिकल स्ट्राइक आठ नवंबर 2016 की रात एक ऐतिहासिक रात मानी जाएगी। प्र्रधान मंत्री मोदी जी ने घोषणा की कि मध्य रात्रि से 500 और 1000 रुपये के नोट रद्द कर दिये जाएँगे। सभी चौंक गए और चारो ओर खलबली सी मच गई। ऐसा करने की बात सभी …

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सयानी बिटिया – अशोक अंजुम

Sayanee bitiya

Here is a touching poem about a daughter. The realized and/or unrealized discrimination between sons and daughter comes in acute focus. – सयानी बिटिया जबसे हुई सयानी बिटिया भूली राजा-रानी बिटिया बाज़ारों में आते-जाते होती पानी-पानी बिटिया जाना तुझे पराये घर को मत कर यों मनमानी बिटिया किस घर को …

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बचपन ही अच्छा था

बचपन ही अच्छा था

[learn_more caption=”Introduction: See more”]I recently read this poem in a Whatsapp group and these lines seem to have come directly from the heart of current generation young adults in corporate rat race. Facebook group ‘Wordgasm by ScoopWhoop’. – Rajiv Krishna Saxena[/learn_more] बचपन ही अच्छा था पूरी स्कूल लइफ में सुबह˗सुबह …

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जिन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं- कृष्ण बिहारी नूर

Pata hi nahi

[learn_more caption=”Introduction: See more”]Some sher by Krishna Bihari Noor, that define the truth of this life and world in such simple words! – Rajiv Krishna Saxena[/learn_more] जिन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं जिन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं और क्या जुर्म है पता ही नहीं इतने हिस्सों में बँट गया …

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गोवा की यात्रा – राजीव कृष्ण सक्सेना

Goa is a beautiful and cosmopolitan state with Panaji or Panjim as its capital. This is a tiny state with good infrastructure and relatively low cost of living. Pollution is low and lifestyle easy. We recently visited the capital city of Panjim in North Goa and this article is about …

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अब तुम रूठो – गोपाल दास नीरज

Ad tum rootho

For a thinking man, there are moments and phases when he realizes that his apprehensions of non-fulfillment of his desires are the cause of his constant prostration. Here is a rebellion from the well known poet Neeraj. – Rajiv Krishna Saxena अब तुम रूठो अब तुम रूठो, रूठे सब संसार, …

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वर्षा के मेघ कटे – गोपी कृष्ण गोपेश

वर्षा के मेघ कटे – गोपी कृष्ण गोपेश

A very nice poem that describes the scene after the rain. Rajiv Krishna Saxena वर्षा के मेघ कटे वर्षा के मेघ कटे – रहे–रहे आसमान बहुत साफ़ हो गया है, वर्षा के मेघ कटे! पेड़ों की छाँव ज़रा और हरी हो गई है, बाग़ में बग़ीचों में और तरी हो …

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लोग हर मोड़ पे – राहत इंदौरी

लोग हर मोड़ पे - राहत इंदौरी

Rahat Indori is a very well known shayar. Here are some of the verses penned by him. Rajiv Krishna Saxena लोग हर मोड़ पे लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ …

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फूलवाली – राम कुमार वर्मा

फूलवाली – राम कुमार वर्मा

Here is an ode to the flower-girl, written by the well-known poet Ram Kumar Varma. Rajiv Krishna Saxena फूल–सी हो फूलवाली। किस सुमन की सांस तुमने आज अनजाने चुरा ली जब प्रभा की रेख दिनकर ने गगन के बीच खींची। तब तुम्हीं ने भर मधुर मुस्कान कलियां सरस सींची, किंतु …

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अक्ल कहती है – बाल स्वरूप राही

अक्ल कहती है – बाल स्वरूप राही

Bal Swarup Rahi is one of my favorite poets. Here is a poem that is a realistic advisory for living a life. Rajiv Krishna Saxena अक्ल कहती है अक्ल कहती है, सयानों से बनाए रखना दिल ये कहता है, दीवानों से बनाए रखना लोग टिकने नहीं देते हैं कभी चोटी …

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