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वर्षा के मेघ कटे – गोपी कृष्ण गोपेश

वर्षा के मेघ कटे – गोपी कृष्ण गोपेश

A very nice poem that describes the scene after the rain. Rajiv Krishna Saxena वर्षा के मेघ कटे वर्षा के मेघ कटे – रहे–रहे आसमान बहुत साफ़ हो गया है, वर्षा के मेघ कटे! पेड़ों की छाँव ज़रा और हरी हो गई है, बाग़ में बग़ीचों में और तरी हो …

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लोग हर मोड़ पे – राहत इंदौरी

लोग हर मोड़ पे - राहत इंदौरी

Rahat Indori is a very well known shayar. Here are some of the verses penned by him. Rajiv Krishna Saxena लोग हर मोड़ पे लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ …

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फूलवाली – राम कुमार वर्मा

फूलवाली – राम कुमार वर्मा

Here is an ode to the flower-girl, written by the well-known poet Ram Kumar Varma. Rajiv Krishna Saxena फूल–सी हो फूलवाली। किस सुमन की सांस तुमने आज अनजाने चुरा ली जब प्रभा की रेख दिनकर ने गगन के बीच खींची। तब तुम्हीं ने भर मधुर मुस्कान कलियां सरस सींची, किंतु …

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अक्ल कहती है – बाल स्वरूप राही

अक्ल कहती है – बाल स्वरूप राही

Bal Swarup Rahi is one of my favorite poets. Here is a poem that is a realistic advisory for living a life. Rajiv Krishna Saxena अक्ल कहती है अक्ल कहती है, सयानों से बनाए रखना दिल ये कहता है, दीवानों से बनाए रखना लोग टिकने नहीं देते हैं कभी चोटी …

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हिमालय से भारत का नाता – गोपाल सिंह नेपाली

हिमालय से भारत का नाता – गोपाल सिंह नेपाली

Currently, we face confrontation on our northern border. China from across Himalaya is becoming aggressive. Here is an old and famous poem of Gopal Singh Nepali about the relationship of Himalaya with India. Rajiv Krishna Saxena हिमालय से भारत का नाता इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज …

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मातृभाषा – अनामिका

मातृभाषा – अनामिका

Matrbhasha (mother tongue) is closest to our hearts. Here is such a lovely poem that only Anamika Ji can write. She is so close to things that are closest to our hearts and are difficult to talk about and express. Hats off to her! Rajiv Krishna Saxena मातृभाषा छुट्टी के …

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उठो धरा के अमर सपूतो – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

उठो धरा के अमर सपूतो – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

Respected Dwarka Prasad Maheshwari has written many poems of inspiration and love for motherland. Here is one popular one addressed to the youth of the country. Rajiv Krishna Saxena उठो धरा के अमर सपूतो उठो धरा के अमर सपूतो पुनः नया निर्माण करो। जन जन के जीवन में फिर से …

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किसान आत्महत्याओं की वास्तविकता – राजीव कृष्ण सक्सेना

किसान आत्महत्याओं की वास्तविकता

Farmer’s suicide issue is a burning one in India. Opposition parties always severely criticize the party in power, whosoever it is, on this issue. Fact of the matter as discussed in this short article is that Indian farmers commit suicide at a much lower rate that other Indian citizens and …

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माहिश्मती सामराज्यम्ः बाहुबली

माहिश्मती सामराज्यम्ः बाहुबली

Bahubali the movie in two parts was superb for a variety of reasons. It tells a gripping story over two generations and has state of the art technology in its filming. No wonder it took the movie 5 years to make. The whole team of Bahubali must be congratulated a …

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मचा तहलका – उमा कांत मालवीय

मचा तहलका - उमा कांत मालवीय

A nice little poem for children by Uma Kant Malaviya. Rajiv Krishna Saxena मचा तहलका बैठ पेड़ पर मछली सोचे अब क्या होगा राम, नज़ला हुआ मगर मामा को मुझको हुआ जु.काम। छाँय छाँय कर मेढक जी ने छींका क्या दो बार, पोखर भर में मचा तहलका मेढक जी बीमार। …

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