Geeta Kavya Madhuri:
“Geeta Kavya Madhuri” published in the year 2002 by Pustak Mahal, New Delhi is written by Prof. Rajiv K. Saxena. In this book all 700 Sanskrit shlokas of Bhagwat Geeta have been translated into metered Hindi verses. This enabled the readers to sing the verses and memorize them by heart. The book was widely welcomed by the readers. Dr. Karan Singh wrote the preface of the book and was the chiefguest in the book release function held in the Jawaharlal Nehru University, New Delhi while Prof Saxena was the Pro-Vice Chancellor at that time (year 2002). Geeta Kavya Madhuri was presented to the well known poet and the then Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee at his residence, who was very appreciative of the work. (See the photo above).
गीता काव्य माधुरी:
गीता सभी पढ़ना चाहते हैं। पर संस्कृत के विद्वान तो सभी हैं नहीं। हिंदी में कई टीकाएं हैं पर पद्य पढ़ने में जो आनंद है वह टीका पढ़ने में कहां। पद्य का अर्थ आपको मन में ही उपजता है जबकी टीका किसी और के विचार होते हैं। गीता काव्य माधुरी में गीता मात्राबद्ध छंदों में प्रस्तुत की गई है और गीता के 700 श्लोकों में से हर एक का पद्यानुवाद इस पुस्तक में है। यह छंद 8 मात्रा यानी कि कहरवा में बड़ी सुगमता से गाये जा सकते हैं और शीघ्र ही कंठस्थ हो जाते हैं। डॉक्टर कर्ण सिंह नें पुस्तक की प्रस्तावना लिखी और इसका विमोचन भी किया। विमोचन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में किया गया (साल 2002) जब प्रोफेसर सक्सेना विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति थे। गीत काव्य माधुरी की सराहना जाने माने कवि और उस समय के प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी की।
How to order the book:
If you wish to order Geeta Kavya Madhuri or the Baal Geeta, please send an email to admin@geeta-kavita.com or rajivksaxena@gmail.com or whatsapp to 9910048241 to get a quotation for the book. Alternatively, you can yourself calculate the amount to be remitted to get the books as follows:
Geeta Kavya Madhuri Rs. 150
Baal Geeta Rs. 180
Shipping and handling charges Rs. 50 per book
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Teaser:
गीता के विभिन्न अध्यायों से ९ श्लोक इस टीज़र में हैं। पूरी प्लेलिस्ट में २० विडिओ क्लिप्स होंगे। पहला क्लिप परिचय का होगा। अगले १८ वीडियोज़ गीता के १८ अध्याय के होंगे। अंतिम विडिओ गीत महात्मय का होगा। धीरे धीरे यह सभी वीडियोज़ यूट्यूब पर उपलब्ध हो जाएंगे। इन्हें देखिए सुनिए और गीत को समझिए।
Chapter 1: अर्जुन-विषादयोग
गीता के पहले अध्याय के वीडियो को अंत तक देखें और जानें:
- कुरुक्षेत्र मे कौरव और पांडवों की सेनाओं के जमावड़े का बखान
- अर्जुन ने युद्ध से क्यों मुंह मोड़ा?
Chapter 2: सांख्ययोग
- भगवान कृष्ण ने अर्जुन को युद्ध से न भागने के लिए क्या तर्क दिए
- अर्जुन को देह (शरीर) और देही (आत्मा) का रहस्य समझाया
Chapter 3: कर्मयोग
- भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कर्म योग का उपदेश दिया
- इस संसार के सभी कार्य कलाप एक महा यज्ञ के समान है और अनासक्त हो कर अपने नियत कर्मों को उसी यज्ञ के निर्वहन हेतु करते जाना ही कर्म योग है
Chapter 4: ज्ञानयोग
- भगवान कृष्ण ने अर्जुन को ज्ञान योग का उपदेश दिया
- बार बार प्रभु के अवतार लेने का कारण
- अनासक्त कर्म करने का महत्व
Chapter 5: कर्मसंन्यासयोग
- कर्ता भाव तिरोहित करने से कर्मफल के बंधन से मुक्ति
- मन का समता मे स्थित होने का महत्व
- काम क्रोध से मुक्ति का उपदेश
Chapter 6: आत्मसंयम योग
गीता के छठे अध्याय के वीडियो को अंत तक देखें और जानें:
- द्वंदों मे समभाव रखने का उपदेश
- ध्यान करने की विधि
- मन में वृत्तिशून्यताऔर एकाग्रता का महत्व
- योगपथभ्रष्ट मनुष्य की गति
Chapter 7: ज्ञानविज्ञानयोग
- परा और अपरा प्रकृति के रूप
- प्रभ का गुणातीत अवनशी रूप
- किसी भी आराध्य देवता के पूजन की स्वतंत्रता
Chapter 8: अक्षरब्रह्मयोग
- जीवधारियों में अधिभूत, अधिदैव और अधियज्ञ
- सकल विश्व की सृष्टि और विलय की क्रिया का उपदेश
- मृत्यु का समय और योगी की मोक्ष प्राप्ति
Chapter 9: राजविद्याराजगुह्य योग
- प्रभु के द्वारा विश्व की संरचना और विलय
- प्रभु ही विश्व के सभी कर्मों के करता
- भक्ति से दुराचारी व्यक्ति का उद्धार भी संभव
Chapter 10: विभूतियोग
- प्रभु की विभूतियों का वर्णन
- प्रभु सभी चराचर सत्ताओं के उत्पादक और धर्ता
Chapter 11: विश्वरूप दर्शन
- भगवान श्रीकृष्ण का अर्जुन को दिव्य दृष्टि का दान
- अर्जुन का भगवान के विश्वरूप का दर्शन
- भगवान का अर्जुनको युद्ध मे जीत का आश्वासन
Chapter 12: भक्तियोग
- प्रभु का भक्तियोग का उपदेश
- अनासक्त भाव से कर्म करके उसे प्रभु को अर्पण करने की सलाह
- हर्ष द्वेष चिंता और अभिलाषा त्याग कर संतुष्ट रहने का उपदेश
Chapter 13: क्षेत्रक्षेत्रज विभाग योग
- क्षेत्र और क्षेत्रज का बखान
- विषयों में वेराग्य और अनासक्त जीवन
- प्रभूलीला के श्रवण से भी मुक्ति संभव
- एक ब्रह्म ही सकल विश्व का मूल
लिंक्स:
- कविताएं: सम्पूर्ण तालिका
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- गीता-कविता: हमारे बारे में
- गीता काव्य माधुरी
- बाल गीता
- प्रोफेसर राजीव सक्सेना
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