I have the greatest respect for people who earn their bread everyday. I mean the …
Read More »
20 hours ago
पीथल और पाथल – कन्हैयालाल सेठिया
You may have read Shyam Narayan Pandey’s classic epic “Haldighati”. Three excerpts from that great w…
1 week ago
मदारी का वादा – राजीव कृष्ण सक्सेना
I have the greatest respect for people who earn their bread everyday. I mean the people like street …
3 weeks ago
इधर भी गधे हैं‚ उधर भी गधे हैं – ओम प्रकाश आदित्य
Donkeys are every where, so says Om Prakish Aditya. Horses do not get even grass but donkeys are get…
3 weeks ago
नवंबर की दोपहर – धर्मवीर भारती
Here is a lovely poem of Dr. Dharamvir Bharati. Rajiv Krishna Saxena नवंबर की दोपहर अपने हलके–फुलके …
4 weeks ago
आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
There are times when lovers realize that their separation is inevitable and that they would never ev…
October 18, 2024
बात बात में – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
Here is a reflection on the path of life. We find friends and lose them. But we must carry on… There…
October 13, 2024
दीवाली आने वाली है – राजीव कृष्ण सक्सेना
दीवाली आने वाली है मानसून काफूर हो गया रावण का भी दहन हो गया ठंडी–ठंडी हवा चली है मतवाली अब गली–गली …
October 2, 2024
शक्ति और क्षमा – रामधारी सिंह दिनकर
Here is a great lesson in diplomacy and human relations from Ramdhari Singh Dinkar. Forgiveness of a…
September 22, 2024
जाने क्या हुआ – ओम प्रभाकर
Human interactions are most complex. Events some times take life of their own. People just drift awa…
September 18, 2024
त्यौहार का दिन आज ही होगा – बालकृष्ण राव
Go ahead and do it, if you feel a strong motivation arising some where deep inside you. Because R…
Recent Posts
-
पीथल और पाथल – कन्हैयालाल सेठिया
You may have read Shyam Narayan Pandey’s classic epic “Haldighati”. Three excerpts from that great …
Read More » -
रे प्रवासी जाग – रामधारी सिंह दिनकर
-
बढ़े चलो, बढ़े चलो – सोहनलाल द्विवेदी
-
आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
There are times when lovers realize that their separation is inevitable and that they would …
Read More » -
बात बात में – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
-
शक्ति और क्षमा – रामधारी सिंह दिनकर
-
जाने क्या हुआ – ओम प्रभाकर
-
तुमुल कोलाहल कलह में मैं हृदय की बात रे मन – जयशंकर प्रसाद
-
इधर भी गधे हैं‚ उधर भी गधे हैं – ओम प्रकाश आदित्य
Donkeys are every where, so says Om Prakish Aditya. Horses do not get even grass …
Read More » -
बिन दाढ़ी मुख सून – काका हाथरसी
-
विज्ञान विद्यार्थी का प्रेम गीत – धर्मेंद्र कुमार सिंह
-
नाम बड़े हस्ताक्षर छोटे – काका हाथरसी
-
मुझको सरकार बनाने दो – अल्हड़ बीकानेरी
-
ध्यान: मेरे कुछ अनुभव – राजीव कृष्ण सक्सेना
I started dhyan (meditation) almost 38 years ago. In this short article, I have briefly …
Read More » -
क्या होगा हिन्दी का – राजीव कृष्ण सक्सेना
-
प्रार्थना की सफलता के गुर – राजीव कृष्ण सक्सेना
-
माइग्रेन सिर दर्द का इलाज – राजीव कृष्ण सक्सेना
-
यादें भईया (डॉ धर्मवीर भारती ) की – डॉ वीरबाला (बहन)
-
मदारी का वादा – राजीव कृष्ण सक्सेना
I have the greatest respect for people who earn their bread everyday. I mean the …
Read More » -
आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
-
बात बात में – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
-
जाने क्या हुआ – ओम प्रभाकर
-
रे प्रवासी जाग – रामधारी सिंह दिनकर
-
आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे – नरेंद्र शर्मा
There are times when lovers realize that their separation is inevitable and that they would …
Read More » -
जाने क्या हुआ – ओम प्रभाकर
-
ठंडा लोहा – धर्मवीर भारती
-
मेरे सपने बहुत नहीं हैं – गिरिजा कुमार माथुर
-
अंगड़ाई सी तुम – कुंवर बेचैन