To have a pleasant disposition in all situations we face, is the greatest personal trait one can have, says this poem. The poem is full of sane advice that all should try to follow, especially children in their formative stage. Rajiv Krishna Saxena
हंसमुख रहना बड़ी बात है
हंसमुख रहना बड़ी बात है
असफलता पर रोना–धोना
केवल समय कीमती खोना
काँटों में भी खिलने वाले
फूलों जैसे हमको होना
संकट सहना बड़ी बात है।
जो उमंग में कमी न रखता
उसका चेहरा आप चमकता
बड़ों–बड़ों का भी है कहना
धन से बढ़कर है प्रसन्नता
हंसकर कहना बड़ी बात है।
सदा–बहार वही कहलाए
जो स्वभाव से हँसे हँसाए
जिसके चेहरे पर मनहूसी
उसके पास न कोई आए
यश को गहना बड़ी बात है।
~ राजा चौरसिया
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