गर्मी और आम – राजीव कृष्ण सक्सेना

गर्मी और आम – राजीव कृष्ण सक्सेना

A funny little poem for tiny tots. Illustration is by Garima – Rajiv Krishna Saxena

गर्मी और आम

गर्मी आई
लाने आम
घर से निकले
बुद्धूराम

नहीं लिया हाथों में छाता
गर्म हो गया उनका माथा

दौड़े दौड़े घर को आए
पानी डाला खूब नहाए

फिर वो बोले
हे भगवान
कैसे लाऊं
अब मैं आम?

∼ राजीव कृष्ण सक्सेना

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