काम हमारे बड़े–बड़े - चिरंजीत

काम हमारे बड़े–बड़े – चिरंजीत

Here is a famous old poem by Charinjit. Little children can also do big deeds. An inspirational poem indeed for children. Rajiv Krishna Saxena

हम बच्चे हैं छोटे–छोटे, काम हमारे बड़े–बड़े।

आसमान का चाँद हमी ने
थाली बीच उतारा है,
आसमान का सतरंगा वह
बाँका धनुष हमारा है।
आसमान के तारों में वे तीर हमारे गड़े–गड़े।
हम बच्चे हैं छोटे–छोटे, काम हमारे बड़े–बड़े।

भरत रूप में हमने ही तो
दांत गिने थे शेरों के,
और राम बन दांत किये थे
खट्‌टे असुर–लुटेरों के।
कृष्ण–कन्हैया बन कर हमने नाग नथा था खड़े–खड़े।
हम बच्चे हैं छोटे–छोटे, काम हमारे बड़े–बड़े।।

बापू ने जब बिगुल बजाया
देश जगा, हम भी जागे,
आजादी के महायुद्ध में
हम सब थे आगे–आगे।
इस झंडे की खातिर हमने कष्ट सहे थे कड़े–कड़े।
हम बच्चे है छोटे–छोटे, काम हमारे बड़े–बड़े।।

हर परेड गणतंत्र दिवस की
हम बच्चों से सजती है,
वीर बालकों की झांकी पर
खूब तालियां बजती हैं।
पाते जन–गण–मन का आशिष हाथी पर हम चढ़े–चढ़े।
हम बच्चे हैं छोटे–छोटे, काम हमारे बड़े–बड़े।।

~ चिरंजीत

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