Here is a nice poem of Amrita Pritam based upon which a lovely song was composed for film Kadambari (1975) that was sung by Asha Bhonsle. The song differs significantly from the actual poem below. This had to be done to bring the lines into meter. The last stanza we hear in the song is not there in the poem and must have been written afresh. The song filmed on Shabana Azami is available on you tube. “Kufr” means blasphemy i.e. something that is against the religious norms. Rajiv Krishna Saxena
अम्बर की एक पाक सुराही
अम्बर की एक पाक सुराही,
बादल का एक जाम उठा कर
घूँट चांदनी पी है हमने
हमने आज यह दुनिया बेची
और एक दिन खरीद के लाए
बात कुफ़्र की की है हमने
सपनो का एक थान बुना था
गज एक कपडा फाड़ लिया
और उम्र की चोली सी है हमने
कैसे इसका कर्ज़ चुकाएं
माँग के अपनी मौत के हाथों
यह जो ज़िन्दगी ली है हमने
~ अमृता प्रीतम
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