बात कम कीजे - निदा फ़ाज़ली

बात कम कीजे – निदा फ़ाज़ली

Here is some down to earth advice from Nida Fazli. These will go long way in ensuring a more peaceful life. Rajiv Krishna Saxena

बात कम कीजे

बात कम कीजे, ज़िहानत को छिपाते रहिये
यह नया शहर है, कुछ दोस्त बनाते रहिये

दुश्मनी लाख सही, ख़त्म न कीजे रिश्ता
दिल मिले या न मिले, हाथ मिलाते रहिये

यह तो चेहरे का कोई अक्स है, तस्वीर नहीं
इसपे कुछ रंग अभी और चढ़ाते रहिये

ग़म है आवारा, अकेले में भटक जाता है
जिस जगह रहिये वहाँ मिलते मिलाते रहिये

जाने कब चाँद बिखर जाए घने जंगल में
घर की चौखट पे कोई दीप जलाते रहिये

शब्दार्थ: ज़िहानत ∼ बुद्धिमत्ता

∼ निदा फ़ाज़ली

लिंक्स:

 

Check Also

You say some thing, I say some thing

कुछ मैं कहूं कुछ तुम कहो – रमानाथ अवस्थी

Life is to be shared. It becomes very boring if it is not. Our daily …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *