The world will go on when we are gone!
Photo depicts the last two lines of the poem. Life with all its colors, goes on after individuals leave the world.

हम न रहेंगे – केदार नाथ अग्रवाल

The life goes on, even after we leave. In all its colors and glory, the life goes on. Rajiv Krishna Saxena

हम न रहेंगे

हम न रहेंगे
तब भी तो यह खेत रहेंगे,
इन खेतों पर घन लहराते
शेष रहेंगे,
जीवन देते
प्यास बुझाते
माटी को मदमस्त बनाते
श्याम बदरिया के
लहराते केश रहेंगे।

हम न रहेंगे
तब भी तो रतिरंग रहेंगे,
लाल कमल के साथ
पुलकते भृंग रहेंगे,
मधु के दानी
मोद मनाते
भूतल को रससिक्त बनाते
लाल चुनरिया में लहराते
अंग रहेंगे।

∼ केदार नाथ अग्रवाल

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