परखना मत - बशीर बद्र

परखना मत – बशीर बद्र

Shri Bashir Badr is a well know poet of Hindustani. Here are few of his well-known shair. Rajiv Krishna Saxena

परखना मत

परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता।

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समंदर में मिले, दरिया नहीं रहता।

हजारों शेर मेरे सो गये काग़ज की कब्रों में
अजब माँ हूँ, कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता।

तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नये अन्दाज वाला है
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता।

मोहब्बत एक खुशबू है, हमेशा साथ रहती है
कोई इन्सान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता।

~ बशीर बद्र

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