Here is a classic song written by Kafi Azami for the movie Haquiqat that has for always been a favorite of Indian people. Giving life for the country is the supreme sacrifice. This song reminds us of this fact. Rajiv Krishna Saxena
कर चले हम फ़िदा जानो तन साथियो
कर चले हम फ़िदा जानो तन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो साँस थमती गई. नब्ज़ जमती गई फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया कट गए सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं सर हिमालय का हमने न झुकने दिया मरर्तेमरते रहा बाँकपन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने के रुत रोज़ आती नहीं
हस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वह जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फतह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बांध लो अपने सर से कफ़न साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
खींच दो अपने खूँ से ज़मी पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम. तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
~ कैफी आज़मी
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