मीरा की कृष्ण भक्ति

मेरो तो गिरधर गोपाल, हे री मैं तो प्रेम दिवानी- मीरा बाई

On the occasion of Janmasthami, the birthday of Lord Krishna, we present two popular bhajans of Meerabai. Meerabai (born 1512 AD) was reluctantly married to Bhojraj, the second son of Rana Sanga. She was however so utterly engrossed in the love of Lord Krishna, that she refused to recognize Bhojraj as her husband, and devoted her whole life in devotion. Rajiv Krishna Saxena

मेरो तो गिरधर गोपाल

पहला भजन

मेरो तो गिरधर गोपाल
दूसरा न कोई
जाके सिर मोर मुकुट
मेरो पति सोई
छांड़ि दई कुल की कानि
कहा करि है कोई
सन्तन संग बैठि–बैठि
लोक लाज खोई
अंसुवन जल सींचि–सींचि
प्रेम बेलि बोई
अब तो बेल फैल गई
आणन्द फल होई
भगत देखि राजी हुई
जगत देखि रोई
दासी ‘मीरा’ लाल गिरधर
तारौ अब मोहीं
मेरो तो गिरधर गोपाल
दूसरा न कोई

दूसरा भजन 

हे री मैं तो प्रेम दिवानी
मेरो दरद न जाने कोय
सूली ऊपर सेज हमारी
किस विध सोना होय
गगन मंडल पै सेज पिया की
किस विध मिलना होय
घायल की गति घायल जाने
की जिन लाई होय
जौहरी की गति जौहरी जानै
कि जिन जौहर होय
दरद की मारी बन–बन डोलूँ
बैद मिला नहीं कोय
मीरा की प्रभु पीर मिटैगी
जब बैद संवलिया होय

~ मीरा बाई

लिंक्स:

 

Check Also

Nirvan Shatakam

निर्वाण षटकम् – आदि शंकराचार्य

Adi Shankaracharya in 8th century AD undertook to revive the Vedantic interpretation of Hindu scripture …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *