Mahadevi Verma had been a pillar of the Chhayavadi era of the Hindi poetry. Several of her famous poems are available in Geeta Kavita. Here is one of her simple poems for children. Those who have read the stories and memoirs of Mahadevi Verma would know how much she loved animals. This simple poem touches our heart in conveying the desperation that a bird might feel when her nest and eggs come crashing down in a storm. Rajiv Krishna Saxena
कहां रहेगी चिड़िया
आंधी आई जोर-शोर से
डाली टूटी है झकोर से
उड़ा घोंसला बेचारी का
किससे अपनी बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहां रहेगी ?
घर में पेड़ कहां से लाएं
कैसे यह घोंसला बनाएं
कैसे फूटे अंडे जोड़ें
किससे यह सब बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहां रहेगी ?
∼ महादेवी वर्मा
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