नानक दुखिया सब संसार – जेमिनी हरियाणवी

नानक दुखिया सब संसार – जेमिनी हरियाणवी

Gautam Buddha said that this world is a world of sorrows. Here Guru Nanak is saying the same. Except for few illusory moments of mirth, rest of the life is a struggle and frustration. Rajiv Krishna Saxena

नानक दुखिया सब संसार

नानक दुखिया सब संसार
बूढ़ा बाप पड़ा बीमार
माँ की बेटे से तकरार
इस का रुठ गया है यार
नानक दुखिया सब संसार

गुंडा लेकर हुआ फरार
किस महिला का छिन गया हार
किसको कुचल गई है कार
जाँच कर रहा थानेदार
नानक दुखिया सब संसार

कहीं पे सूखा है इस बार
कहीं बाढ़ से हाहाकार
माथा पीट रहा फनकार
डिग्री चाट रहा बेकार
नानक दुखिया सब संसार

किस पर किसका अत्याचार
तू भी कर ले सोच–विचार
किसको हूआ रूस  से प्यार
चिंतित अमरीकी सरकार
नानक दुखिया सब संसार

दुखी भक्त हैं दुखी पूजारी
पुरुष दुखी हैं, दुखिया नारी
सत्संग में गुंडा मौजूद
मंदिर में गोला–बारुद
गुंडे माँग रहे अधिकार
नानक दुखिया सब संसार

दफ्तर पर संकट है भारी
चिंतित है बाबू, अघिकारी
इसको रुला रही लाचारी
उसको रुला रही गद्दारी
दोनो मान चुके हैं हार
कौन करे किसका उपचार
नानक दुखिया सब संसार

∼ जेमिनी हरियाणवी

लिंक्स:

 

Check Also

Man-pakhi Tera Re

मन पाखी टेरा रे – वीरबाला

Veerbala Ji’s poems have that very familiar scent of earth. These precious poems appear to …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *