Hullad Muradabadi (real name Sushil Chadha) died this week (July 12, 2014). He was a well-known poet who enthralled audience with humor and satire in his poems. Many of his poems are available in our collection. Here is another one to commemorate and celebrate his life. Rajiv Krishna Saxena
क्या करेगी चांदनी
चांद औरों पर मरेगा क्या करेगी चांदनी
प्यार में पंगा करेगा क्या करेगी चांदनी?
डिग्रियाँ हैं बैग में पर जेब में पैसे नहीं
नौजवाँ फ़ाँके करेगा क्या करेगी चांदनी?
लाख तुम फ़सलें उगा लो एकता की देश में
इसको जब नेता चरेगा क्या करेगी चांदनी?
रोज़ ड्यूटी दे रहा है एक भी छुट्टी नहीं
सूर्य को जब फ्लू धरेगा क्या करेगी चांदनी?
गौर से देखा तो पाया प्रेमिका के मूँछ थी
अब ये ‘हुल्लड़’ क्या करेगा, क्या करेगी चांदनी?
पेड़ के नीचे पड़ा है एक गंजा छाँव में
नारियल सर पर झरेगा क्या करेगी चांदनी?
नोट नेता ने विदेशी बैंक में भिजवा दिए
आयकर अब क्या करेगा, क्या करेगी चांदनी?
कैश में दस लाख खींचे पार्टी से खर्च को
पांच ये घर पैर धरेगा, क्या करेगी चांदनी?
ईश्वर ने सब दिया पर आज का ये आदमी
शुक्रिया तक ना करेगा क्या करेगी चांदनी?
एक रचना को कहा था बीस कविता पेल दीं
ऊब कर श्रोता मरेगा, क्या करेगी चांदनी?
चांद से हैं खूबसूरत भूख में दो रोटियाँ
कोई बच्चा जब मरेगा क्या करेगी चांदनी?
जो बचा था खून वो तो सब सियासत पी गई
खुदकुशी खटमल करेगा क्या करेगी चांदनी?
दे रहे चालीस चैनल नंगई आकाश में
चाँद इसमें क्या करेगा क्या करेगी चांदनी?
साँड है पंचायती ये मत कहो नेता इसे
देश को पूरा चरेगा क्या करेगी चांदनी?
एक बुलबुल कर रही है आशिक़ी सय्याद से
शर्म से माली मरेगा क्या करेगी चांदनी?
∼ हुल्लड़ मुरादाबादी
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