प्रसिद्धि प्रसंग - काका हाथरसी

कौन चीज़ मशहूर – काका हाथरसी

Here is an old poem listing the famous things of many places in India in the typical style of Kaka Hathrasi. Poem is of the time when Bangladesh was created out of Pakistan by native fighters fighting against Pakistani army, hence the last line of this poem. Rajiv Krishna Saxena

कौन चीज़ मशहूर

काशीपुर क्लब में मिले, कवि–कोविद अमचूर
चर्चा चली कि कहाँ कहाँ की कौन चीज़ मशहूर
कौन चीज़ मशहूर, पश्न यह अच्छा छेड़ा
नोट कीजिए है प्रसिद्ध मथुरा का पेड़ा।
आत्मा–परमात्मा प्रसन्न हो जाएँ काका
लड्डू संडीला के हों, खुरचन खुरजा का।

अपना–अपना टेस्ट है, अपना–अपना ढंग
रंग दिखाती अंग पर हरिद्वार की भंग।
हरिद्वार की भंग, डिजाइन नए निराले
जाते देश–विदेश, अलीगढ़ वाले ताले।
मालपुए स्वादिष्ट बरेली वाले गुड़ के
दालमोठ आगरा, और पापड़ हापुड़ के।

कविसम्मेलन में गए कालकत्ता चतुरेश,
ढाई किलो चढ़ा गए, रसगुल्ला संदेश।
रसगुल्ला संदेश, तोंद पर फेरा हत्था,
ली डकार तो काँप गया सारा कलकत्ता।
केसर कशमीरी, अमरूद इलाहाबादी
साड़ी बनारसी व लिहाफ फर्रुकाबादी।

केला बंबइया मधुर, सेब सुधर रतलाम
खरबूजे लखनऊ के, और सफेदा आम।
और सफेदा आम, पियो रस भर–भर प्याले
मँगवाकर संतरे प्रसिद्ध नागपुर वाले।
कह काका–कवि रोक सके किसका बलबूता,
अमरीका तक चला कानपुर वाल जूता।

चंदन–संदल के लिये याद रहे मैसूर,
शहर मुरादाबाद के, बरतन हैं मशहूर।
बरतन हैं मशहूर, लगे कटनी का चूना
जयपुर की चुनरी सौंदर्य बढ़ाए दूना
पढ़ी–अनपढ़ी, क्वारी–ब्याही, युवती–बूढ़ी
देख–देख ललचाएँ फिरोजाबादी चूड़ी।

भुजिया बीकानेर की देती स्वाद विचित्र,
काकी को कन्नौज का ‘काका’ लाए इत्र।
‘काका’ लाए इत्र, देहरादूनी चावल,
टेलर साहब मेरठ की कैंची के कायल।
छुरा रामपुर और हाथरस वाले चाकू
धन्य बांगलादेश जहाँ के वीर लड़ाकू।

~ काका हाथरसी

लिंक्स:

 

Check Also

Things that no one should ever do: A Poem

कभी नहीं, कभी नहीं- ओम व्यास ओम

There are things that we should never ever do. Here is a formidable list in …

One comment

  1. wah wah kaka hathrsi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *