On the Happy occasion of Holi, I present this old classic from film Mother India, written by Shakeel Badayuni. Happy Holi to all readers! Rajiv Krishna Saxena
होली आयी रे
होली आयी रे कन्हाई, होली आयी रे
होली आयी रे कन्हाई
रंग छलके सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
बरसे गुलाल रंग मोरे अंगनवा
अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनवा
हो देखो नाचे मोरा मनवा
तोरे कारन घर से आई हूँ निकल के
सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
छूटे ना रंग ऐसी रंग दे चुनरिया
धोबनिया धोये चाहे सारी उमरिया
हो मन को रंग देगा साँवरिया
मोहे भाये ना हरजाई रंग हलके
सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
होली घर आई तू भी आजा मुरारी
मन ही मन राधा रोये बिरहा की मारी
हो नहीं मारो पिचकारी
काहे छोड़ी रे कलाई संग चल के
सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
∼ शकील बदायूंनी
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