Here is a lovely poem of intense longing by Mahadevi Verma. How would every change only if you just come once – Rajiv Krishna Saxena
जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करूणा कितने संदेश,
पथ में बिछ जाते बन पराग,
गाता प्राणों का तार तार,
अनुराग भरा उन्माद राग,
आँसू लेते वे पथ पखार।
जो तुम आ जाते एक बार।
हँस उठते पल में आर्द्र नयन,
धुल जाता होठों से विषाद,
छा जाता जीवन में बसंत,
लुट जाता चिर संचित विराग,
आँखें देतीं सर्वस्व वार।
जो तुम आ जाते एक बार।
∼ महादेवी वर्मा
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