Love is not easy. Emotional turmoil and tiffs take their toll. Heightened sensitivity and expectations cause misunderstandings with which the lovers have to deal with constantly. Talking the problems over is not great help because language is too crude a medium to communicate feelings. Here are some suggestions… Rajiv Krishna Saxena
समाधान
प्रिये यह अनमनापन
और अपनी सब समस्याएं‚
उभरती भावनाओं से निरंतर
यह तनावों की धटाएं‚
प्रेम के निर्मल क्षितिज पर
क्यों अचानक छा गई हैं?
सुलझना इस समस्या का
नहीं बातों से अब संभव‚
चलो अब मूक नैनों को जुबां दें।
चलो अब तूल ना दें
इन धटाओं को‚
इसे खुद ही सिमटने दें।
उदासी के कुहासे में
बहुत दिन जी चुके हैं।
बहुत से अश्रु यूं चुपचाप
हम तुम पी चुके हैं।
चलो इन अश्रुओं को आज हम
निर्बाध बहने दें‚
नहीं इन को छुपाएं।
चलो इस छटपटाहट से
निकलने को‚
तनिक सा मुस्कुराएं!
∼ राजीव कृष्ण सक्सेना (Feb 16, 2000)
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