Here is a little poem that my mother taught us kids. I do not know who wrote this poem, but it has a lot of truth in it! Rajiv Krishna Saxena
अपना घर है सबसे प्यारा
चिड़ियाँ के थे
बच्चे चार
निकले घर से
पंख पसार
पूरब से
पश्चिम को आए
उत्तर से
दक्षिण को धाए
उत्तर दक्षिण
पूरब पश्चिम
देख लिया
हमने जग सारा
अपना घर है
सबसे प्यारा!
अज्ञात
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I also read this poem in class 5