Here is a nice poem by Balbir Singh Rang showing the perils of an one sided love. – Rajiv Krishna Saxena आशा कम विश्वास बहुत है जानें क्यों तुमसे मिलने की आशा कम‚ विश्वास बहुत है। सहसा भूली याद तुम्हारी उर में आग लगा जाती है विरहातप भी मधुर मिलन …
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