Here is a mischievous but funny poem by Satyanarayan Sharma “Kamal”. One sure must be careful while handling HOT peppers!! Rajiv Krishna Saxena हरी मिर्च खाने की मेज़ पर आज एक लम्बी छरहरी हरी मिर्च अदा से कमर टेढ़ी किये चेहरे पर मासूमियत लिये देर से झाँक रही मानो कह …
Read More »लोग हर मोड़ पे – राहत इंदौरी
Rahat Indori is a very well known shayar. Here are some of the verses penned by him. Rajiv Krishna Saxena लोग हर मोड़ पे लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ …
Read More »पंद्रह अगस्त: 1947 – गिरिजा कुमार माथुर
Here is a famous poem that was written by the well known poet Girija Kumar Mathur at the time when India got independence. The poem is still relevant today. Rajiv Krishna Saxena पंद्रह अगस्त: 1947 आज जीत की रात पहरुए सावधान रहना! खुले देश के द्वार अचल दीपक समान रहना! …
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