यह कदम्ब का पेड़ यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली॥ तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता। उस नीची डाली …
Read More »नाम उसका राम होगा – श्याम नारायण पाण्डेय
A classic devotional poem excerpted from the mangalacharan written by the great poet Shyam Narayan Pandey for his book “Jauhar”. Rajiv Krishna Saxena नाम उसका राम होगा गगन के उस पार क्या पाताल के इस पार क्या है? क्या क्षितिज के पार, जग जिस पर थमा आधार क्या है? दीप …
Read More »उतना तुम पर विश्वास बढ़ा – रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’
Some times the un-reciprocation of love results in its intensification. Here is a lovely poem by Rameshwar Shukla Anchal, that focuses on such feelings – Rajiv Krishna Saxena उतना तुम पर विश्वास बढ़ा बाहर के आंधी पानी से मन का तूफान कहीं बढ़कर‚ बाहर के सब आघातों से‚ मन का …
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