दीवाली आने वाली है मानसून काफूर हो गया रावण का भी दहन हो गया ठंडी–ठंडी हवा चली है मतवाली अब गली–गली है पापा, मम्मी, भैय्या, भाभी बूआ, चाचा, दादा, दादी राह सभी तकते हैं मिल कर हर मन को भाने वाली है दीवाली आने वाली है चॉकलेट को छोड़ो भाई …
Read More »अनुभव परिपक्व – अज्ञेय
A little kid in a poverty stricken family… makes natural child-like impulsive demands. Then by experience, learns to scale them down. Rajiv Krishna Saxena अनुभव परिपक्व माँ हम नहीं मानते – अगली दीवाली पर मेले से हम वह गाने वाला टीन का लट्टू लेंगे ही लेंगे – नहीं, हम नहीं …
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