Love may desert us but the height of tragedy is when the resulting pain itself also deserts us. See it in the words of Ramavtar Tyagi. Rajiv Krishna Saxena शिकायत आँसुओ तुम भी पराई आँख में रहने लगे हो अब तुम्हें मेरे नयन इतने बुरे लगने लगे हैं। बेवफाई और …
Read More »याद आये – किशन सरोज
Remembering the love of his life, here is a lovely poem of Kishan Saroj. Rajiv Krishna Saxena याद आये याद आये फिर तुम्हारे केश मन–भुवन में फिर अंधेरा हो गया पर्वतों का तन घटाओं ने छुआ, घाटियों का ब्याह फिर जल से हुआ; याद आये फिर तुम्हारे नैन, देह मछरी, …
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