This poem is in the series of two earlier poems, “मछली जल की रानी है” and “कछुआ जल का राजा है“. Now this one is about the Frog being the prince of the waters! Illustration by Svarn Sinha (age 8). I hope children like this poem. Rajiv Krishna Saxena मेंढक …
Read More »मचा तहलका – उमा कांत मालवीय
A nice little poem for children by Uma Kant Malaviya. Rajiv Krishna Saxena मचा तहलका बैठ पेड़ पर मछली सोचे अब क्या होगा राम, नज़ला हुआ मगर मामा को मुझको हुआ जु.काम। छाँय छाँय कर मेढक जी ने छींका क्या दो बार, पोखर भर में मचा तहलका मेढक जी बीमार। …
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