Born “Sayyad Ibrahim” in village Pihani in District Hardoi in the year 1615, Raskhan later moved to Delhi and then to the birthplace of Lord Krishna. His later writings are uniquely immersed in the love of Lord Krishna (See poem ‘Manus hon toh vahi Raskhan’ in Geeta-kavita). Till the time …
Read More »अच्छा तो हम चलते हैं – आनंद बक्षी
Here is a tribute to Rajesh Khanna and Anand Bakshi . Rajiv Krishna Saxena अच्छा तो हम चलते हैं अच्छा तो हम चलते हैं फिर कब मिलोगे? जब तुम कहोगे जुम्मे रात को हाँ हाँ आधी रात को कहाँ? वहीं जहाँ कोई आता-जाता नहीं अच्छा तो हम चलते हैं… किसी …
Read More »वे और तुम – जेमिनी हरियाणवी
Here is a comparison between a lover and a neta, love and politics! Rajiv Krishna Saxena वे और तुम मुहब्बत की रियासत में सियासत जब उभर जाए प्रिये तुम ही बतलाओ जिंदगी कैसे सुधर जाए चुनावों में चढ़े हैं वे निगाहों में चढ़ी हो तुम चढ़ाया है तुम्हें जिसने कहीं …
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