Giridhar Kavirai, the famous medieval Hindi poet wrote kundaliyan that contained common wisdom . Here is a sample. Rajiv Krishna Saxena गिरिधर की कुंडलियाँ लाठी में गुण बहुत हैं, सदा राखिये संग गहरी नदी, नारा जहाँ, तहाँ बचावै अंग तहाँ बचावै अंग, झपटि कुत्ता को मारै दुशमन दावागीर, होय तिनहूँ …
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