Tag Archives: Gopal Singh Nepali

यह लघु सरिता का बहता जल – गोपाल सिंह नेपाली

Watching a mountain river

Here is an old gem! Many readers requested for this lovely poem depicting the birth and flow of a river – Rajiv Krishna Saxena यह लघु सरिता का बहता जल यह लघु सरिता का बहता जल‚ कितना शीतल‚ कितना निर्मल। हिमगिरि के हिम निकल–निकल‚ यह विमल दूध–सा हिम का जल‚ …

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विश्व–सुंदरी – गोपाल सिंह नेपाली

World beauty !!

A beautiful description of a Vishva-Sundari (beauty queen) who rules the world, by Gopal Singh Nepali. Rajiv Krishna Saxena विश्व–सुंदरी जल रहा तुम्हारा रूप–दीप कुंतल में बांधे श्याम घटा नयनों में नभ की नील छटा अधरों पर बालारुण रंजन मृदु आनन में शशी–नीराजन जल रहा तुम्हारा रूप–दीप भौंहों में साधे …

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यह दिल खोल तुम्हारा हँसना – गोपाल सिंह नेपाली

Here is a lovely poem for a lover by the well-known poet Gopal Singh Nepali. Rajiv Krishna Saxena यह दिल खोल तुम्हारा हँसना प्रिये तुम्हारी इन आँखों में मेरा जीवन बोल रहा है बोले मधुप फूल की बोली, बोले चाँद समझ लें तारे गा–गाकर मधुगीत प्रीति के, सिंधु किसी के …

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हिमालय से भारत का नाता – गोपाल सिंह नेपाली

हिमालय से भारत का नाता – गोपाल सिंह नेपाली

Currently, we face confrontation on our northern border. China from across Himalaya is becoming aggressive. Here is an old and famous poem of Gopal Singh Nepali about the relationship of Himalaya with India. Rajiv Krishna Saxena हिमालय से भारत का नाता इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज …

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