Tag Archives: Hindi kavita

याद आये – किशन सरोज

याद आये – किशन सरोज

Remembering the love of his life, here is a lovely poem of Kishan Saroj. Rajiv Krishna Saxena याद आये याद आये फिर तुम्हारे केश मन–भुवन में फिर अंधेरा हो गया पर्वतों का तन घटाओं ने छुआ, घाटियों का ब्याह फिर जल से हुआ; याद आये फिर तुम्हारे नैन, देह मछरी, …

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विजय भेरी – मैथिली शरण गुप्त

Here is an old classic poem by Rashtra-Kavi Mathilisharan Gupt, praising the great and ancient motherland India. Rajiv Krishna Saxena विजय भेरी जीवन रण में फिर बजे विजय की भेरी। भारत फिर भी हो सफल साधना तेरी। आत्मा का अक्षय भाव जगाया तू ने, इस भाँति मृत्यु भय मार भगाया …

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वीर सिपाही – श्याम नारायण पाण्डेय

Here is another excerpt from “Haldighaati” the great Veer-Ras Maha-kavya penned by Shyam Narayan Pandey. Here is a description of a soldier fighting for the Motherland. Rajiv Krishna Saxena वीर सिपाही भारत-जननी का मान किया, बलिवेदी पर बलिदान किया अपना पूरा अरमान किया, अपने को भी कुर्बान किया रक्खी गर्दन …

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वतन पे जो फ़िदा होगा – आनंद बक्षी

वतन पे जो फ़िदा होगा – आनंद बक्षी

Here is an immortal poem of Anand Bakshi that was written for the 1963 movie “Phool Bane Angaare”. Such powerful and moving words never fail to moisten eyes. It is appropriate to refresh the memory of this song on this 15th of August. Rajiv Krishna Saxena वतन पे जो फ़िदा …

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वन्दे मातरम् – बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

वन्दे मातरम् – बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

Vande Mataram is one of the most popular songs of freedom struggle, composed in Sanskrit by Bankim Chandra Chattopadhyay. This song was used is the movie “Anand Math” and became an instant hit with public. Rajiv Krishna Saxena वन्दे मातरम् सुजलाम् सुफलाम् मलय़जशीतलाम्, शस्यश्यामलाम् मातरम्। वन्दे मातरम् ॥१॥ शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्, …

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उस पगली लड़की के बिन – कुमार विश्वास

उस पगली लड़की के बिन – कुमार विश्वास

Kumar Vishwas is an emerging political face in the country, but he is a popular poet before that. Here is one of his poems that depicts the frustration of love in a very Indian context. Rajiv Krishna Saxena उस पगली लड़की के बिन मावस कि काली रातों में, दिल का …

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तुम्हारी उम्र वासंती – दिनेश प्रभात

तुम्हारी उम्र वासंती – दिनेश प्रभात

Here is a lovely and romantic poem in praise of love. Enjoy the imagination of the poet. Rajiv Krishna Saxena तुम्हारी उम्र वासंती लिखी हे नाम यह किसके, तुम्हारी उम्र वासंती? अधर पर रेशमी बातें, नयन में मखमली सपने। लटें उन्मुक्त­सी होकर, लगीं ऊंचाइयाँ नपनें। शहर में हैं सभी निर्थन, …

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ठंडी हवा – दुष्यंत कुमार

ठंडी हवा – दुष्यंत कुमार

Here is another nice poem of Dushyant Kumar. Things may be bad, but there could still be redeeming features in all situations. Rajiv Krishna Saxena ठंडी हवा इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है, नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है। एक चिनगारी कही से …

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तेरे बिन – रमेश गौड़

तेरे बिन – रमेश गौड़

Love that graced life is now gone but what does it still means to me? Here is a poem that has all the right metaphors. Rajiv Krishna Saxena तेरे बिन जैसे सूखा ताल बच रहे या कुछ कंकड़ या कुछ काई, जैसे धूल भरे मेले में चलने लगे साथ तन्हाई, …

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तेरा राम नहीं – निदा फ़ाज़ली

तेरा राम नहीं – निदा फ़ाज़ली

We all live our lives and the fact is that no body’s experiences can really help us in real sense. Here is a reflection on these realities. A lovely poem by Nida Fazli. Rajiv Krishna Saxena तेरा राम नहीं तेरे पैरों चला नहीं जो धूप छाँव में ढला नहीं जो …

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