First day of the New Year! Here are some suggested resolutions from Hullad Muradabadi. Rajiv Krishna Saxena साल आया है नया यार तू दाढ़ी बढ़ा ले, साल आया है नया नाई के पैसे बचा ले, साल आया है नया। तेल कंघा पाउडर के खर्च कम हो जाएँगे आज ही सर …
Read More »पीने का बहाना – हुल्लड़ मुरादाबादी
Here is another funny poem of Hullad Muradabadi. Enjoy! Rajiv Krishna Saxena पीने का बहाना हौसले को आज़माना चाहिये मुशकिलों में मुसकुराना चाहिये खुजलियाँ जब सात दिन तक ना रुकें आदमी को तब नहाना चाहिये साँप नेता साथ में मिल जाएँ तो लट्ठ नेता पर चलाना चाहिये सिर्फ चारे से …
Read More »मुस्कुराने के लिए – हुल्लड़ मुरादाबादी
Some nice couplets from Hullad Muradabadi that remind us of some tough facts of life but nonetheless exhorts us to keep smiling. Rajiv Krishna Saxena. मुस्कुराने के लिए मसखरा मशहूर है, आँसू बहाने के लिए बाँटता है वो हँसी, सारे ज़माने के लिए। जख्म सबको मत दिखाओ, लोग छिड़केंगे नमक …
Read More »हुल्लड़ के दोहे – हुल्लड़ मुरादाबादी
We have read dohas by Kabir and Rahim. They are full of wisdom and insight. Here are some selected gems written by Hullad Muradabadai. Have fun! Rajiv Krishna Saxena हुल्लड़ के दोहे कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए, महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए। बिना जुर्म के पिटेगा, …
Read More »रहने को घर नहीं है – हुल्लड़ मुरादाबादी
Here is another poem of Hullad Muradabadi, on finding a home to live in the era of sky rocketing prices. Rajiv Krishna Saxena रहने को घर नहीं है कमरा तो एक ही है कैसे चले गुजारा बीबी गई थी मैके लौटी नहीं दुबारा कहते हैं लोग मुझको शादी-शुदा कुँआरा रहने …
Read More »क्या करेगी चांदनी – हुल्लड़ मुरादाबादी
Hullad Muradabadi (real name Sushil Chadha) died this week (July 12, 2014). He was a well-known poet who enthralled audience with humor and satire in his poems. Many of his poems are available in our collection. Here is another one to commemorate and celebrate his life. Rajiv Krishna Saxena क्या …
Read More »जरूरत क्या थी? – हुल्लड़ मुरादाबादी
Things are sometimes done that have real bad repercussions. One then wonders – was there a real need to do such things in the first place? Rajiv Krishna Saxena जरूरत क्या थी आइना उनको दिखाने कि ज़रूरत क्या थी वो हैं बंदर ये बताने कि ज़रूरत क्या थी? दो के …
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