Remembering the love of his life, here is a lovely poem of Kishan Saroj. Rajiv Krishna Saxena याद आये याद आये फिर तुम्हारे केश मन–भुवन में फिर अंधेरा हो गया पर्वतों का तन घटाओं ने छुआ, घाटियों का ब्याह फिर जल से हुआ; याद आये फिर तुम्हारे नैन, देह मछरी, …
Read More »तुम्हारी उम्र वासंती – दिनेश प्रभात
Here is a lovely and romantic poem in praise of love. Enjoy the imagination of the poet. Rajiv Krishna Saxena तुम्हारी उम्र वासंती लिखी हे नाम यह किसके, तुम्हारी उम्र वासंती? अधर पर रेशमी बातें, नयन में मखमली सपने। लटें उन्मुक्तसी होकर, लगीं ऊंचाइयाँ नपनें। शहर में हैं सभी निर्थन, …
Read More »अभी तो झूम रही है रात – गिरिजा कुमार माथुर
Kajal in eyes and a little shyness… Here is a lovely poem by the well known poet Girija Kumar Mathur. Rajiv Krishna Saxena अभी तो झूम रही है रात बडा काजल आँजा है आज भरी आखों में हलकी लाज। तुम्हारे ही महलों में प्रान जला क्या दीपक सारी रात निशा …
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