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रुके न तू – हरिवंश राय बच्चन

Ruke na tu

Here is an exhortation from Harivansh Rai Bachchan to leave inaction and to work with full enthusiasm and vigor. A good poem for children to recite. Rajiv Krishna Saxena रुके न तू धरा हिला, गगन गुँजा नदी बहा, पवन चला विजय तेरी, विजय तेरीे ज्योति सी जल, जला भुजा–भुजा, फड़क–फड़क …

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हिमाद्रि तुंग शृंग से – जयशंकर प्रसाद

हिमाद्रि तुंग शृंग से – जयशंकर प्रसाद

Here is an old classic inspirational poem by Jay Shankar Prasad – Rajiv Krishna Saxena हिमाद्रि तुंग शृंग से हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती– स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती– ‘अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!’ असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण …

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