Life is short. Every thing is momentary, nothing lasts. Here is a nice poem by Raghubir Sahai – Rajiv Krishna Saxena प्रभाती आया प्रभात चंदा जग से कर चुका बात गिन गिन जिनको थी कटी किसी की दीर्घ रात अनगिन किरणों की भीड़ भाड़ से भूल गये पथ‚ और खो …
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