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मैं सबसे छोटी होऊं – सुमित्रानंदन पंत

मैं सबसे छोटी होऊं – सुमित्रानंदन पंत

When a child is young, his/her universe begins and ends in mother. Here is a simple and lovely poem from a child to her mother, written by Sumitranandan Pant. Rajiv Krishna Saxena मैं सबसे छोटी होऊं मैं सबसे छोटी होऊँ तेरी गोदी में सोऊँ तेरा आँचल पकड़-पकड़कर फिरू सदा माँ …

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