Water is water but how different messages it gives under different conditions… Rajiv Krishna Saxena जल नींद सुख की फिर हमे सोने न देगा यह तुम्हारे नैन में तिरता हुआ जल। छू लिये भीगे कमल, भीगी ऋचाएँ मन हुए गीले, बहीं गीली हवाएँ। बहुत संभव है डुबो दे सृष्टि सारी, …
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