Here is a lovely poem for children, that conveys Geeta’s message of doing deeds without expectations of rewards. I have done the illustration myself. Rajiv Krishna Saxena पुरुस्कार गीतों का सम्मेलन होगा, तुम सबको यह बात बतानी, अकड़–अकड़ कर मेंढक बोले, तुम भी चलना कोयल रानी। मीकू बंदर, चीकू मेंढक …
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