There are so many things that we would like to do or say in life, but are unable to do. Here is a nice poem by Rajendra Paswan ‘Ghayal’. Rajiv Krishna Saxena असमर्थता ख्यालों में बिना खोये हुए हम रह नहीं पाते मगर जो है ख्यालों में उसे भी कह …
Read More »ऐसा नियम न बाँधो – आनंद शर्मा
There is no uniformity in nature. So is the life is not a monotone and has happiness and sorrows. Rajiv Krishna Saxena ऐसा नियम न बाँधो हर गायक का अपन स्वर है हर स्वर की अपनी मादकता ऐसा नियम न बाँधो सारे गायक एक तरह से गाएँ। कुछ नखशिख सागर …
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