Here is a nice little poem for children written by Ramanuj Tripathi. I have done the illustration myself. Rajiv Krishna Saxena हाथी दादा सूट पहन कर हाथी दादा चौराहे पर आए, रिक्शा एक इशारा कर के वे तुरंत रुकवाए। चला रही थी हाँफ–हाँफ कर रिक्शा एक गिलहरी बोले हाथी दादा …
Read More »पड़ोस – ऋतुराज
A lovely poem by Rituraj Ji. A kind old couple living in a house for long time and the nature around them too applauds them! Rajiv Krishna Saxena पड़ोस कोयलों ने क्यों पसंद किया हमारा ही पेड़? बुलबुलें हर मौसम में क्यों इसी पर बैठी रहती हैं? क्यों गौरैयों के …
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