Here is a sweet little children’s poem on the Sun. Rajiv Krishna Saxena सूरज भाई क्या कहने हैं सूरज भाई अच्छी खूब दुकान सजाई और दिनों की तरह आज भी जमा दिया है खूब अखाड़ा पहले किरणों की झाड़ू से घना अँधेरा तुमने झाड़ा फिर कोहरे को पोंछ उषा की …
Read More »फूटा प्रभात – भारत भूषण अग्रवाल
Breaking of dawn is a magical moment. Here is a lovely poem of Shri Bharat Bhushan Agrawal describing this magic. – Rajiv Krishna Saxena फूटा प्रभात फूटा प्रभात‚ फूटा विहान बह चले रश्मि के प्राण विहग के गान मधुर निर्झर के स्वर झर–झर‚ झर–झर। प्राची का अरुणाभ क्षितिज‚ मानो अंबर …
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