I wrote this nursery rhyme to complement the poem “मछली जल की रानी है “. further, please read a third poem “मेंढक जल का राजकुमार ” in the same series. Art work is mine – Rajiv Krishna Saxena कछुआ जल का राजा है कछुआ जल का राजा है, कितना मोटा …
Read More »मचा तहलका – उमा कांत मालवीय
A nice little poem for children by Uma Kant Malaviya. Rajiv Krishna Saxena मचा तहलका बैठ पेड़ पर मछली सोचे अब क्या होगा राम, नज़ला हुआ मगर मामा को मुझको हुआ जु.काम। छाँय छाँय कर मेढक जी ने छींका क्या दो बार, पोखर भर में मचा तहलका मेढक जी बीमार। …
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