Hear is a poem by Kishan Saroj, that became popular after the death of the Prime Minister Lal Bahadur shastri. Rajiv Krishna Saxena चंदन बन डूब गया छोटी से बड़ी हुईं तरुओं की छायाएं धुंधलाईं सूरज के माथे की रेखाएं मत बांधो‚ आंचल मे फूल चलो लौट चलें वह देखो! …
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