बाल कविता - राम कथा
मेघनाथ और कुंभकरण को, मृत्यु घाट के पार उतारा , रावण को भगवान राम ने, विकट युद्ध में खुद संघारा

बाल कविता – रामकथा , राजीव कृष्ण सक्सेना

My grandchildren live in The Netherlands. The elder one Svarnu started to read Ramayana and discusses issues with me.  This poem is inspired by our children abroad, who wish to keep connected with our culture.  Here is a summary of Ramayana in a very short poem.  Rajiv Krishna Saxena

बाल कविता – राम कथा 

माँ  मेरी तो दिल्ली से हैं

भागलपुर से पापा आए

फिर विदेश में हमने मिलकर

पूरे ग्यारह साल बिताए

 

कुछ अरसे पहले ही आई

राम कथा पढ़ने की बारी

उसको पढ़ भगवान राम की

मैनें जानी लीला न्यारी

 

राम, लक्ष्मण, भारत, शत्रुघन

राजकुंवर थे अवध धाम के

सीता जी का ब्याह राम से

हुआ जनकपुर में विधान से

 

राम लखन सीता ने छोड़ा

अवधपुरी का रम्य निवास

कैकई के हठ से पाया था

चौदह वर्षों का बनवास

 

जंगल मैं छल कर रावण ने

सीता  जी का किया अपहरण

उन्हे ढूंढते लंका पहुंचे

राम, लखन, वानर-सेना संग

 

अंजनीसुत हनुमान राम के

साथ युद्ध में रहे उपस्थित

वानर सेना, भ्रात लक्ष्मण

सभी राम को पूर्ण समर्पित

 

मेघनाथ और कुंभकरण को

मृत्यु घाट के पार उतारा

रावण को भगवान राम ने

विकट युद्ध में खुद संघारा

 

नाश राक्षसों का कर के फिर

राम अयोध्या वापस आए

अवध वासियों ने मिल कर तब

हर्षित मंगलदीप जलाए

Rajiv Krishna Saxena

Jan 15, 2024

लिंक्स:

Copy Right:  This poem or any part of it, cannot be used in any form and in any kind of media, without the written permission from the author Prof. Rajiv K Saxena. Legal action would be taken if an unauthorized use of this material is found. For permission enquiries may be sent to rajivksaxena@gmail.com or admin@geeta-kavita.com.

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