The proverbial people of the world come in the way of lovers. So callous! Here is what Bachchan Ji say about it. Rajiv Krishna Saxena
आज मुझसे दूर दुनियाँ
भावनाओं से विनिर्मित
कल्पनाओं से सुसज्जित
कर चुकी मेरे हृदय का स्वप्न चकनाचूर दुनियाँ
आज मुझसे दूर दुनियाँ
बात पिछली भूल जाओ
दूसरी नगरी बसाओ
प्रेमियों के प्रति रही है, हाय कितनी क्रूर दुनियाँ
आज मुझसे दूर दुनियाँ
वह समझ मुझको न पाती
और मेरा दिल जलाती
है चिता की राख कर में, माँगती सिंदूर दुनियाँ
आज मुझसे दूर दुनियाँ
∼ हरिवंश राय बच्चन
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