झंडा ऊँचा रहे हमारा – श्यामलाल पार्षद

Geeta-Kavita has become very popular amongst school children and their parents who find on this site poems to recite in class, or for home-work. It is therefore important that poems well entrenched in public memory should be available on this site. This famous poem of desh prem should be of interest to many readers. We often hear it on Doordarshan on Independence and Republic days. Rajiv Krishna Saxena.

झंडा ऊँचा रहे हमारा

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा

सदा शक्ति बरसाने वाला
प्रेम–सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृभूमि का तन–मन सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा

स्वतंत्रता के भीषण रण में
लड़ कर जोश भरे छन–छन में
कांपे क्षत्रु देखकर मन में
मिट जाये भय–संकट सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा

इस झंडे के नीचे निर्भय
ले स्वराज्य हम अब चल निश्चय
बोलें भारत माता की जय
स्वतंत्रता है ध्येय हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा

आओ प्यारे वीरो आओ
देश–धर्म पर बलि–बलि जाओ
एक साथ सब मिल कर गाओ
प्यारा भारत देश हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा

इसकी शान न जाने पाये
छााहे जान भले ही जाये
विश्व विजय करके दिखलाये
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा

~ श्यामलाल पार्षद

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